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हत्या मामले में पूर्व कांग्रेसी नेता राजमोहन पोलू को उम्र कैद

मेदिनीनगर : पलामू जिला व्यवहार न्यायालय के द्वितीय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश संजय कुमार उपाध्याय क

By JagranEdited By: Published: Tue, 23 May 2017 05:10 PM (IST)Updated: Tue, 23 May 2017 05:10 PM (IST)
हत्या मामले में पूर्व कांग्रेसी नेता राजमोहन पोलू को उम्र कैद

मेदिनीनगर : पलामू जिला व्यवहार न्यायालय के द्वितीय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश संजय कुमार उपाध्याय की अदालत ने जमीन विवाद में गोली मारकर हत्या के मामले में पूर्व कांग्रेसी नेता राजमोहन पोलू का सश्रम आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही 10 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है। अर्थदंड की राशि नहीं देने पर तीन माह की अतिरिक्त सजा भुगतनी पड़ेगी। 50 हजार रुपये पीड़िता को देने का भी आदेश दिया गया है।

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क्या था मामला -

चैनपुर थाना के सेमरटांड़ निवासी जितेंद्र मिस्त्री ने चैनपुर थाना कांड संख्या 1-2016 तिथि दो जनवरी 2016 को राजमोहन पोलू के विरुद्ध भादवि की धारा 302, 120बी व 27 आ‌र्म्स एक्ट के तहत मामला दर्ज कराया था। इसमें आरोप लगाया था कि दो जनवरी 16 को 2.10 बजे दिन में वह अपने पुत्र आलोक विश्वकर्मा उर्फ आलोक मिस्त्री एवं अपने पतोहू सुनीता देवी के साथ सेमरटांड़ में खरीददारी जमीन पर चारदीवारी के अंदर काम कर रहे थे। राजमोहन पोलू लाइसेंसी राइफल के साथ गाली-गलौज करते हुए वहां आए। साथ ही उनके लड़का आलोक मिस्त्री को हैंडपंप के पास बाहर बुलाया। आलोक मिस्त्री गाली देने से मना किया तो पोलू ने उसके सिर में सटाकर गोली मार दी। इससे आलोक की घटनास्थल पर ही मौत हो गई थी। परिवार वाले तथा अन्य ग्रामीण हल्ला करने लगे तो घटनास्थल से राइफल समेत राजमोहन पोलू भाग गया। घटना के छह-सात माह पूर्व से मृतक आलेाक मिस्त्री के साथ राजमोहन पोलू का जमीन संबंधित विवाद चल रहा था।

विदित हो कि सात जनवरी 2016 को राजमोहन पोलू न्यायालय में आत्मसमर्पण किया था। अनुसंधानकर्ता के आवेदन के आलोक में राजमोहन पोलू को पुलिस रिमांड पर ली थी। 12 जनवरी 2016 को अनुसंधानकर्ता ने राजमोहन पोलू के दोषस्वीकारोक्ति बयान दर्ज किया था। इसमें राजमोहन पोलू ने स्वीकार किया कि मृतक आलोक मिस्त्री की हत्या अपने लाइसेंसी राइफल से किया है। उक्त राइफल को कुटमू थाना पांडू स्थित पैतृक घर में छिपा दिया था। राजमोहन पोलू के पैतृक आवास से अनुसंधानकर्ता ने 12 जनवरी 2016 को 4.15 बजे दिन में राइफल, 13 ¨जदा कारतूस व राजमोहन पोलू के नाम से निर्गत राइफल नंबर 117-2005 तिथि 12 नवंबर 2007 को जब्त किया।

अदालत ने साक्ष्य के आधार पर दोषी पाते हुए पोलू पर आजीवन कारावास की सजा मुकर्रर की है। जिला विधिक सेवा प्राधिकार से भी झारखंड पीड़ित मुआवजा अधिनियम के तहत पीड़ित परिवार को राशि दी जाएगी।


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