नक्सली समर्पण करें नहीं तो जान गंवाएं
मेदिनीनगर : झारखंड पुलिस का मुख्य फोकस राज्य से सटे बिहार व छत्तीसगढ़ के सीमावर्ती क्षेत्रों
मेदिनीनगर :
झारखंड पुलिस का मुख्य फोकस राज्य से सटे बिहार व छत्तीसगढ़ के सीमावर्ती क्षेत्रों पर है। यहां मिल रही चुनौतियों पर मुख्य फोकस रहेगा। काफी हद तक घुसपैठ पर रोक लगाने में सफलता मिली है। हालात पर पूरी तरह राज्य पुलिस का नियंत्रण है। अब नक्सलियों के पास समर्पण ही आखिरी विकल्प है। या तो वे हथियार डाल कर समाज की मुख्यधारा से जुड़ें, नहीं तो मरने के लिए तैयार हो जाएं। ये बातें राज्य के पुलिस महानिदेशक डीके पांडेय ने सोमवार को यहां कही। वह पलामू दौरे के क्रम में स्थानीय कोयल भवन में संवाददातओं से बात कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि अब सुदूरवर्ती क्षेत्रों में सुरक्षा बलों को तैनात कर विकास कार्यों को पूरा किया जा रहा है। इसके बेहतर परिणाम भी दिखने लगे हैं। पलामू में मनातू एक्शन प्लान व लातेहार जिले में सरयू एक्शन प्लान के तहत योजनाओं का क्रियान्वयन इसकी बानगी भर है।
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बूढ़ा पहाड़ पर ऑपरेशन जारी
एक प्रश्न के जवाब में डीजीपी ने बताया कि बूढ़ा पहाड़ पर सुरक्षा बलों का कारगर ऑपरेशन जारी है। इस क्षेत्र से उग्रवादियों को खदेड़ने की योजना पर काम किया जा रहा है। इस क्षेत्र में सक्रिय नक्सलियों की संख्या पूछे जाने पर डीजीपी ने कहा कि जितने भी नक्सली हैं उनसे निपटने के लिए पर्याप्त सुरक्षा बल लगाया गया है।
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10 हजार कांस्टेबल व ढाई हजार दारोगा की होगी बहाली
झारखंड पुलिस में शीघ्र ही ढाई हजार दारोगा व 10 हजार कांस्टेबल की नियुक्ति की जाएगी। इसमें राज्य के सभी भौगोलिक क्षेत्रों के निवासियों सहित सभी वर्गों व समुदायों का समान रूप से प्रतिनिधित्व मिलेगा। यह जानकारी डीजीपी डीके पांडेय ने सोमवार को कोयल भवन में प्रशासनिक व पुलिस अधिकारियों की आयोजित उच्चस्तरीय बैठक में दी।
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पुलिस कर्मी करेंगे फार्म भरने में सहयोग
इसमें बताया गया कि पुलिसकर्मी राज्य के सभी वर्गों के युवकों के बीच जा कर उनकी शैक्षणिक योग्यता के अनुसार फार्म भरने में सहयोग करेंगे। समीक्षा में सुरक्षा के साथ विकास पर खासा जोर दिया गया। निर्माणाधीन पुल-पुलिया व सड़क के कार्य प्रगति की समीक्षा की गई।
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सन 2025-30 की चिंता
बैठक में वर्ष 2025-30 में जिले में पुलि¨सग के प्रस्ताव पर गहन विचार विमर्श किया गया। डीजीपी ने इसके लिए ब्लू ¨प्रट तैयार करने का विशेष निर्देश दिया। इस संबंध में पलामू के उपायुक्त से वर्ष 2030 तक पलामू में थाना, ओपी या पिकेट की आवश्यकता साथ ही इनके निर्माण के लिए अभी से भूमि की व्यवस्था कर लेने की बात ही गई। मौके पर एसटीएफ के आइजी आरके धान, डीआइजी विपुल शुक्ला, पुलिस अधीक्षक इंद्रजीत महथा, गढ़वा एसपी आलोक, एसटीएफ के एसपी निरंजन केरकट्टा, सीआरपीएफ के अधिकारी अर¨वद त्रिपाठी, टीए पैयती सहित कई अधिकारी उपस्थित थे। बाद में डीआईजी स्तर पर पुलिस महानिदेशक द्वारा दिए गए निर्देशों के कार्यान्वयन की समीक्षा की गई।