भगवान भरोसे हैं पलामू के यक्ष्मारोगी
मेदिनीनगर : पलामू जिले में यक्ष्मा रोगियों का इलाज भगवान भरोसे चल रहा है। पिछले पांच वर्षों से पलाम
मेदिनीनगर : पलामू जिले में यक्ष्मा रोगियों का इलाज भगवान भरोसे चल रहा है। पिछले पांच वर्षों से पलामू का यक्ष्मा विभाग चिकित्सक विहीन है। अस्थाई व्यवस्था के तहत एकाध चिकित्सक का प्रतिनियोजन कर विभाग संचालित हो रहा है। फिलवक्त उधार की यह चिकित्सीय सेवा भी ठप है। इस कारण संबंधित रोगियों के समुचित इलाज में चिकित्सकों की कमी बाधक बनी है। जिला टीबी नियंत्रण कार्यालय फिलहाल शून्यता की स्थिति में है। ओपीड या इमर्जेंसी में सेवा दे रहे चिकित्सकों के भरोसे ही यक्ष्मा पीड़ित रोगियों का इलाज हो रहा है।
पिछले पांच वर्षों से पलामू को एक भी यक्ष्मा रोग के लिए अलग से चिकित्सक नसीब नहीं हुआ हैं। चिकित्सक के अभाव में संबंधित योजनाएं फेल हो रही हैं। वर्षों पूर्व यक्ष्मा के चिकित्सक डॉ. एच पांडेय अनुबंध पर पलामू में सेवा दे रहे थे। इस दौरान पलामू में यक्ष्मा के रोगियों को बेहतर सेवा मिल रही थी। उनका अनुबंध समाप्त हो गया। इसके साथ ही पलामू का टीबी कंट्रोल वार्ड चिकित्सकविहीन हो गया है। इससे टीबी रोगियों को इस वार्ड से सेवा नहीं मिल रही है।
पिछले पांच वर्षों से जिले के यक्ष्मा के रोगी इस बदहाल व्यवस्था से परेशान हैं। इसके बावजूद स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को यक्ष्मा मरीजों की ¨चता नहीं है। स्थिति यह है कि मरीज पहले ओपीडी में अपना हाल बताते हैं। ओपीडी या इमरजेंसी में तैनात चिकित्सक को जब यक्ष्मा रोग होने का शक होता है तो उन्हें एक्सरे व बलगम जांच आदि के लिए यक्ष्मा विभाग में भेज दिया जाता है। ऐसी भयावह स्थिति के कारण पलामू में यक्ष्मा के मरीज तेजी से बढ़ रहे हैं। विभागीय लापरवाही के कारण यक्ष्मा मरीजों की पहचान तक नहीं हो पा रही है। कई लोगों की मौत यक्ष्मा रोग के कारण हो चुकी है।
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उपरैलीखांड़ टोला में हो गई थी कई की मौत
मेदिनीनगर : स्थानीय सदर प्रखंड अंतर्गत जोड़ पंचायत के उपरैलीखांड़ में पिछले दिनों यक्ष्मा से कई लोगों की मौत हो चुकी है। जनप्रतिनिधियों व अन्य लोगों ने भी यक्ष्मा रोग से हुई मौत की बात को स्वीकार किया था। हालांकि मौत के बाद सदर प्रखंड के पंचायत प्रतिनिधि सक्रिय हुए और स्वास्थ्य शिविर लगाया। इसमें कई यक्ष्मा रोगी चिन्हित किए गए।