किसानों के बीच ससमय कराएं बीज का वितरण
मेदिनीनगर : जिले के किसानों को ससमय बीज उपलब्ध कराया जाना चाहिए। सरकार की ओर से चलाई जाने वाली कृषक
मेदिनीनगर : जिले के किसानों को ससमय बीज उपलब्ध कराया जाना चाहिए। सरकार की ओर से चलाई जाने वाली कृषक योजनाओं को हर हाल में किसानों को उपलब्ध कराना सुनिश्चित किया जाना चाहिए। उक्त बातें पलामू जिला परिषद अध्यक्ष प्रभा देवी ने कही। वे शुक्रवार को स्थानीय टाउन हॉल में कृषि विभाग द्वारा आयोजित जिलास्तरीय खरीफ कार्यशाला को संबोधित कर रही थी। कहा कि जिला परिषद जिले के किसानों के हितों की रक्षा करने के लिए सदैव तैयार है। किसानों की हर जरूरतों को पूरा कराने के लिए कटिबद्ध हैं। उन्होंने जनसेवकों को ज्यादा से ज्यादा संख्या में किसानों को केसीसी का लाभ दिलाने का आह्वान किया।
जिला परिषद उपाध्यक्ष संजय कुमार ¨सह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सपनों को साकार करना है। प्रधानमंत्री व सूबे के मुख्यमंत्री ने किसानों के विकास के लिए कई योजनाएं चलाई है। जिला कृषि, जनसेवक, लैंप-पैक्स सभी टीमवर्क के तहत सरकारी योजनाओं को किसानों तक पहुंचाने का काम करेंगे। उन्होंने कहा कि जनसेवक को सिर्फ और सिर्फ कृषि कार्य पर ही लगाया जाना चाहिए। जनसेवक दूसरा कार्य नहीं करेंगे। इसके लिए वे सोमवार को इस मामले पर रांची में कृषि मंत्री का ध्यान आकृष्ट कराएंगे। कहा कि धान की रोपनी के समय किसानों को धान बीज व मक्का नहीं मिलनी चाहिए। ससमय उपलब्ध हो इसके लिए वे प्रयास करेंगे। उन्होंने कहा कि आपसी तालमेल के अभाव में जिला से छह हजार ¨क्वटल मांगे गए धान बीज के विरुद्ध मात्र 2150 ¨क्वटल धान बीज की स्वीकृति मिली थी। कहा कि उन्होंने कृषि सचिव जटाशंकर चौधरी से बात कर 5100 ¨क्वटल धान बीज की स्वीकृति दिलाई है।
जिला कृषि पदाधिकारी एडमंड ¨मज ने कृषि विभाग की संचालित कई योजनाओं का जिक्र किया। साथ ही इससे लाभ उठाने का आह्वान किया। जिला उद्यान पदाधिकारी उमेश कुमार ने उद्यान की संचालित योजनाओं का जिक्र किया। साथ ही वर्मी कंपोस्ट के माध्यम से खेती पर जोर दिया।
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वार्षिक कार्यशाला में बने पूरे साल का कैलेंडर : सह निदेशक
चियांकी क्षेत्रीय अनुसंधान केंद्र के सह निदेशक सह मुख्य वैज्ञानिक डॉ. डीएन ¨सह ने कहा कि किसानों के विकास के लिए वार्षिक कार्यशाला में पूरे वर्ष का कैलेंडर बनाए जाने की वकालत की। कहा कि इससे किसानों को जरूरत के मुताबिक खरीफ व रबी का बीज, उर्वरक ससमय उपलब्ध कराया जा सकता है। उन्होंने धान की खेती के साथ-साथ दलहन की खेती पर बल दिया। कहा कि सूबे में पलामू व गढ़वा का जमीन दलहन के लिए उपयुक्त है। उन्होंने ज्वार, बाजरा व मड़ुआ की खेती करने की सलाह दी। कहा कि सोयाबीन की खेती को बढ़ावा देने, प्रोसे¨सग यूनिट की स्थापना करने से पलामू के किसानों की तकदीर बदल जाएगी। उन्होंने टांड़ जमीन पर दलहन व फलदार पौधों में अमरूद, सरीफा, बेर व आंवला के फलदार पौधे लगाने का आह्वान किया। फलदार पेड़ के नीचे हल्दी व अदरक की खेती करने की सलाह दी।