अल्लाह के रसूल की अजमत का रखें ख्याल: मौलाना मुजाहिद
मेदिनीनगर : स्थानीय गौसिया मुहल्ला पहाड़ी स्थित नूरी मस्जिद के नजदीक बाद नमाज ऐशा तहरीके तहफ्फुज सुन्
मेदिनीनगर : स्थानीय गौसिया मुहल्ला पहाड़ी स्थित नूरी मस्जिद के नजदीक बाद नमाज ऐशा तहरीके तहफ्फुज सुन्नीयत कांफ्रेंस का आयोजन किया गया। इसमें उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद से आए मुफ्ती अल्हाज मुजाहिद हुसैन रजवी बतौर मुख्य वक्ता शामिल हुए। उन्होंने जलसा को खिताब किया। उन्होंने सूरह अखलास कुलहो अल्लाहो अहद को तकरीर का विषय बनाया। कहा कि अल्लाह ताअला कुरआन पाक में फरमाता है कि कह दीजिए कि अल्लाह एक है। वह बेनेयाज है। उसकी कोई औलाद नहीं है। न वह किसी से पैदा हुआ है। उसका कोई सानी व जोड़ का नहीं। मतलब अल्लाह को एक जनना व उसके बराबर किसी को नहीं मानना व हजरत मोहम्मद सल्लाहो अलैही वसल्लम को अल्लाह का रसूल मानना ही मुसलमान होने की शर्त-ए-अव्वल है। कहा कि अल्लाह की अता गई गई चीज मिलने से हरर्गिज यह मतलब नहीं होता कि वह उसके बराबरी का हो गया। समाज के कुछ लोग रसूल-ए-खुदा को अल्लाह से अता की गई अजमत को कम कर पेश करते हैं। कहा कि रसूल की अजमत को कम करने की सोच इमान से खारिज कर देगा। कांफ्रेंस की सदारत मौलाना मो. नेजामुद्दीन, कयादत महताब आलम जेयायी व महताब आलम नूरी व संचालन मौलाना अब्दुल रउफ ने किया।
महताब आलम जियाई ने तहरीके तहफ्फुज सुन्नीयत पर विस्तार से प्रकाश डाला। मौके पर मौलाना महमूद साहब ने कहा कि इस्लाम आपसी एकता, भाईचारगी, अखलाक व किरदार को संवारने सबको प्यार करने का पैगाम देता है।
मौके पर डालटनगंज ज्याउल हसन रजवी, रहबर पलामूवी, शमीम अहमद रजवी, मुजीबउल्लाह रजवी आदि ने अपने नातिया कलाम पेश किए। जलसा में मदीना मस्जिद के खतीब व इमाम अल्लामा मौलाना सैयद रजी अहमद,चौक बाजार मस्जिद के खतीब व इमाम जुबैर अहमद बरकाती खास तौर पर मौजूद थे। जलसा के सफल आयोजन में तहरीके तहफ्फुज सुन्नयीत के सदर हाजी तौफीक अहमद रजवी, नायब सदर सदरूल हसन खां, सचिव मास्टर बशीर अहमद, उप सचिव कारी अनीस खां, कोषाध्यक्ष हाजी मुमताज खां समेत हाजी शेख इमामुद्दीन, मास्टर ग्यासुद्दीन खां,नजीर शाह, परवेज सिद्दीकी समेत अन्य लोगों ने अहम भूमिका निभाई। जलसा में हजारों लोग शामिल हुए। सलात व सलाम व दुआ के साथ जलसा रात के ढाई बजे एखतेताम पजीर हुआ।