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व्यक्ति नहीं विचार थे पूरनचंद

मेदिनीनगर : गरीबों के मसीहा कहे जाने वाले पलामू के लाल स्वतंत्रता सेनानी व पूर्व मंत्री पूरनचंद की ब

By Edited By: Published: Wed, 25 Nov 2015 07:17 PM (IST)Updated: Wed, 25 Nov 2015 07:17 PM (IST)

मेदिनीनगर : गरीबों के मसीहा कहे जाने वाले पलामू के लाल स्वतंत्रता सेनानी व पूर्व मंत्री पूरनचंद की बुधवार को 90 वीं जयंती मनाई गई। मौके पर पंचमुहान स्थित पूरनचंद की प्रतिमा कई संगठनों व राजनीतिक दलों के लोगों ने माल्यार्पण कर श्रद्धासुमन अर्पित किए। पूरनचंद विचार मंच के तत्वावधान में आयोजित कार्यक्रम की अध्यक्ष मंच के संयोजक दुर्गा प्रसाद ने की।

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मौके पर श्री प्रसाद ने स्व. पूरनचंद की जीवनी पर विस्तार से चर्चा की। कहा कि स्व़ पूरनचंद व्यक्ति नहीं विचार थे। उन्होंने पूरनचंद को इतिहास पुरूष व विकास पुरूष बताया। कहा कि मृत्यु के एक घंटे पूर्व तक गरीबों के हित में वे संघर्ष करत रहे । वे गरीब, दलित व पिछड़ों की आवाज थे। विशिष्ट अतिथि गांधी विनोबा आश्रम के संचालक हेमचंद्र साहू ने पूरनचंद के व्यक्तित्व व कृतित्व पर प्रकाश डाला। साथ ही लोगों से उनके आदर्श पर चलने का आहवान किया। उन्होने कहा कि आज के जनप्रतिनिधियों को उनके संघर्षपूर्ण विकास के रास्ते पर चलने की जरूरत है। स्व पूरनचंद के संघर्ष के साथी रमेश प्रसाद ने उनके त्याग, संघर्ष की व्यथा व अ¨हसक आंदोलन पर विस्तारपूर्वक चर्चा की।

मौके पर क्यूम रूमानी, बिहारी साहु, दिलीप प्रसाद, मनोज प्रसाद, रमेश प्रसाद, बनौधी साहु, नौशाद अहमद, संतोष प्रसाद, रविशंकर प्रसाद ने भी पूरनचंद को याद किया। इधर भाजपा नेता दुर्गा जौहरी आदि ने भी स्व.पूरनचंद की प्रतिमा पर माल्यापर्ण किया। इस अवसर पर कई लोग उपस्थित थे।बाक्स: दलित शोषितों की आवाज थे पूरनचंदसंसू, मेदिनीनगर : स्थानीय पंचमुहान चौक स्थित पूरनचंद की प्रतिमा पर उपस्थित लोगों ने माल्यार्पण किया। बेरोजगार संघर्ष मोर्चा सदस्यों ने जिलाध्यक्ष उदय राम के साथ माल्यार्पण किया। मौके पर श्री राम ने कहा कि पूरनचंद दलित शोषित की आवाज थे। उन्होंने शोषिातें के हक व अधिकार के लिए हमेशा संघर्ष किया। शोषणमुक्त व भयमुक्त समाज का निर्माण और पलामू के चहुंमुखी विकास पूरनचंदजी का सपना था। कहा कि आज के समय में पूरनचंद कापूरा जीवन गरीबों के लिए समर्पित रहा। जरूरत है पूरनचंद के सपनों को साकार करने के लिए गरीबों के हक व अधिकार के लिए आंदोलन करने की। मौके पर संजय तिवारी ने पूरनचंद की जीवनी पर प्रकाश डाला। कहा कि उनके आदर्श पर चलने की जरूरत है। मौके पर दुखी राम, मो. इमरान अहमद, धर्मदेव राम, अभय कुमार सिन्हा, रामू प्रसाद, अनिल राम, विनय राम, प्रेम कुमार, रामनरेश महतो, राजेंद्र प्रसाद, रमेश विश्वकर्मा उपस्थित थे।


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