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रात भर चीखते रहे, कोई नहीं आया मदद करने

मेदिनीनगर : पाटन थाना के नगेसर गांव के रविदास टोला में सोमवार की रात तीन लोगों के हत्याकांड की कहानी

By Edited By: Published: Tue, 31 Mar 2015 10:43 PM (IST)Updated: Tue, 31 Mar 2015 10:43 PM (IST)
रात भर चीखते रहे, कोई नहीं आया मदद करने

मेदिनीनगर : पाटन थाना के नगेसर गांव के रविदास टोला में सोमवार की रात तीन लोगों के हत्याकांड की कहानी बताते हुए मृतका की बहन उर्मिला व जीजा अर्जुन राम फफक कर रो पड़े। पूरे घर में दिनभर चीत्कार मचा रहा। पलामू जिला के चैनपुर थाना के चट्टीपार गांव निवासी अर्जुन राम व उनकी पत्‍‌नी उर्मिला देवी ने घटना की आंखों देखी हाल बयान किया। कहा कि रात के 11 बज रहे थे। पूरा परिवार नींद की आगोश में था। अचानक उनके आंगन में हथियार से लैस छह लोग धमक पड़े। पहले बिन दरवाजा के कमरे में सो रहे पिता राजमुनी मोची को जगाया। आंगन में लाए और पीटना शुरू कर दिया। इसके बाद उनके हाथ बांध दिए गया। हमलोग घर के अंदर चीखते चिल्लाते रहे। उर्मिला ने बताया कि थोड़ी देर के बाद अपराधियों ने उसके घर का दरवाजा तोड़कर सबको आंगन में निकाला। उसकी मां फूलकुमारी देवी, भाई चुनमुन राम व उसकी नव विवाहिता भाभी सोनाक्षी को जबरन अपने साथ ले गए। उर्मिला ने बताया कि वह इनमें से छतरपुर के पलवा गांव निवासी सुरेश भुइयां व संतोष भुइयां कोपहचानती है। ये दोनों उग्रवादी संगठन में रह चुके हैं। पिताजी समेत चारों को वे लोग जबरन घर से बाहर ले गए। इसके बाद से हम सब रातभर घर में बंद चीखते चिल्लाते रहे। कोई मदद को नहीं पहुंचा। मंगलवार तड़के पांच बजे पूरा परिवार घर से बाहर निकला और निकट के पहाड़ की तरफ भागा। वहां भाई, भाभी व मां-बाप की खोज शुरू की गई। कहीं किसी का पता नहीं चला। बाद में मालूम हुआ कि घायलावस्था में पिताजी घर पहुंच गए हैं। मां,भाई व भाभी को कोई पता नहीं है। पूरा परिवार बेतहाशा पहाड़ व अन्य जगहों पर अपनी नजर टिकाए हुए थे। इसी दौरान दुल्ही के चौकीदार नंदकिशोर ने सूचना दी कि सदाबह नदी के किनारे तीन लाश पड़ी है। पूरा परिवार स्थल पर पहुंचा तो पाया कि तीनों की टांगी से मारकर हत्या की जा चुकी है। खून के धब्बे बिखरे पड़े हैं। उर्मिला व अर्जुन बताते हैं कि अपहरण से पूर्व डेढ़ से दो घंटे तक गांव में बम पटका गया। निकट के पहाड़ पर दो घंटे तक लाइट जलते बुझते रहे। इससे अनुमान लगाया गया कि उनके माता, पिता, भाई व भाभी को वे लोग पहाड़ की ओर ले गए हैं। यही कारण है कि मंगलवार की तड़के उनका पूरा परिवार सदाबह नदी के बजाय पहाड़ की ओर खोज में लगा रहा। इधर राजमुनी मोची ने बताया कि वे अपराधियों को किसी तरह चकमा देकर जंगल की ओर भाग गए। रात भर ठिठुर कर खाई में छुप कर बिताई। सुबह होते ही घर पहुंचे।


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