हेमंत के समक्ष पलामू में खाता खोलने की चुनौती
मेदिनीनगर : झारखंड आंदोलन को मुकाम तक पहुंचाने वाले झामुमो अध्यक्ष शिबू सोरेन की पार्टी झामुमो का प
मेदिनीनगर : झारखंड आंदोलन को मुकाम तक पहुंचाने वाले झामुमो अध्यक्ष शिबू सोरेन की पार्टी झामुमो का पलामू प्रमंडल में आज तक खाता नहीं खुला है। गुरुजी को पलामू का दर्द बराबर सालता रहा है। कारण, उन्हें मालूम है बिना इस प्रमंडल में खाता खोले संपूर्ण झारखंड की पार्टी होने का झामुमो का दावा बेमानी है। अपने पिता शिबू की राजनीतिक विरासत संभाल चुके मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के समक्ष इस बार पलामू प्रमंडल में खाता खोलने की चुनौती है। मुख्यमंत्री हेमंत ने इस चुनौती को स्वीकार किया है और पलामू के अपने उम्मीदवारों के पक्ष में लगातार चुनावी सभा को संबोधित कर रहे हैं। हेमंत इस चुनौती में कितना कामयाब हो पाते हैं, यह 23 दिसंबर को मतगणना के बाद ही पता चलेगा।
भाजपा प्रत्याशियों के पक्ष में राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह, गृहमंत्री राजनाथ सिंह, भोजपुरी गायक व फिल्म स्टार मनोज तिवारी लगातार चुनावी सभा कर रहे हैं। कांग्रेस व राजद प्रत्याशियों के पक्ष में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव यहां कैंप किए हुए हैं। वहीं झामुमो प्रत्याशियों के पक्ष में हेमंत सोरेन अकेले मोर्चा संभाले हुए हैं। वे लगातार हेलीकॉप्टर से यहां के विभिन्न विस क्षेत्र में चुनावी सभा को संबोधित करने पहुंच रहे हैं। गुरुजी ने अब तक यहां एक भी चुनावी सभा को संबोधित नहीं किया है। पांकी व मनातू में वे चुनावी सभा को संबोधित करने वाले हैं। राजनीति के जानकार बताते हैं कि इस प्रमंडल में पहली बार झामुमो इतनी मजबूती से चुनाव लड़ रहा है।
झामुमो ने यहां की नौ में आठ विधानसभा सीट डालटनंगज, पांकी, हुसैनाबाद, विश्रामपुर, गढ़वा, मनिका, भवनाथपुर एवं लातेहार से प्रत्याशी खड़ा किया है। समय पर नामांकन पत्र नहीं भरने के कारण छतरपुर सीट से झामुमो प्रत्याशी नहीं दे सका है। छतरपुर सीट में पिछले विस चुनाव में झामुमो दूसरे नंबर पर था। मौजूदा विधानसभा चुनाव में अकेले लड़ने के कारण झामुमो को दूसरी पार्टियों के कई कद्दावर नेता मिल गए हैं जिन्हें चुनाव मैदान में उतारा है। पूर्व मंत्री दिवंगत मधु सिंह के पुत्र लाल सूरज सिंह आजसू के नेता थे और पांकी विस क्षेत्र के टिकट के दावेदार थे। तालमेल के तहत आजसू ने यह सीट भाजपा के लिए छोड़ दी। ऐसी स्थिति में लाल सूरज ने झामुमो का दामन थाम लिया। लाल सूरज अब वहां झामुमो उम्मीदवार हैं। उनके भरोसे झामुमो वहां दमदार उपस्थिति दर्ज करा रहा है। इसी तरह हुसैनबाद के वरिष्ठ नेता व पूर्व विधायक दशरथ सिंह के रूप में वहां झामुमो को मजबूत प्रत्याशी मिल गया है। हुसैनाबाद सीट जदयू ने राजद के लिए छोड़ दिया है। इस कारण जदयू से टिकट नहीं मिलने पर दशरथ सिंह झामुमो में शामिल हो गए। झामुमो के पलामू जिलाध्यक्ष राजेन्द्र सिन्हा का दावा है कि झामुमो इस बार यहां न सिर्फ खाता खोलेगा बल्कि चार सीट पर जीत दर्ज करेगा। विदित हो कि 2009 के लोक सभा चुनाव में झामुमो पलामू लोकसभा सीट जीत चुका है। कामेश्वर बैठा झामुमो सांसद बने थे। 2014 के लोस चुनाव में वे झामुमो छोड़कर तृणमूल कांग्रेस से लड़े और हार गए।