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समूहों से जुड़ेंगी सूबे की डेढ़ करोड़ महिलाएं

मेदिनीनगर : झारखंड सरकार महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रतिसंकल्पित है। इसके लिए सूबे की डेढ़

By Edited By: Published: Wed, 15 Oct 2014 10:42 PM (IST)Updated: Wed, 15 Oct 2014 10:42 PM (IST)
समूहों से जुड़ेंगी सूबे की डेढ़ करोड़ महिलाएं

मेदिनीनगर : झारखंड सरकार महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रतिसंकल्पित है। इसके लिए सूबे की डेढ़ करोड़ महिलाओं को स्वयं सहायता समूह से जोड़ा जाएगा। उक्त बातें सूबे के ग्रामीण विकास, श्रम नियोजन व पंचायती राज मंत्री कृष्णानंद त्रिपाठी ने कही। वे बुधवार को स्थानीय पुलिस स्टेडियम में महिला स्वयं सहायता समूह के प्रमंडलीय महासम्मेलन को संबोधित कर रहे थे।

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उन्होंने कहा कि पहले महिलाओं को अबला समझा जाता था। लेकिन झारखंड सरकार ने इस धारणा को बदलते हुए महिला सशक्तिकरण की ओर कार्य शुरू किए हैं। सरकार ने सरस्वती योजना शुरू की है। इसमें बच्ची के जन्म लेते ही उसके नाम पांच हजार रूपए जमा हो जाएंगे। लड़की के शादी योग्य होने तक रकम बढ़कर एक लाख हो जाएगी। अधिकारी प्रत्येक घर से कम से कम एक महिला को समूह से जोड़ने का काम करेंगे।

यह सम्मेलन झारखंड लाइवलीहुड प्रयोजन सोसायटी द्वारा आयोजित किया गया था। मंत्री ने कहा कि जहां राष्ट्रीय आजीविका मिशन कार्य नहीं कर रहे हैं वहां संजीवनी के माध्यम से महिला सशक्तिकरण का कार्य किया जाएगा। कहा झारखंड सरकार ने असाध्य रोग से इलाज के लिए बीपीएल की बाध्यता नियम को शिथिल कर दिया है। अब एपीएल के गरीब परिवार को भी डेढ़ लाख तक की सहायता दी जाएगी। कहा कि गैर बीपीएल को सरकारी योजना का लाभ मिले इसके लिए एक नीति तैयार की जा रही है। केंद्र सरकार से इसके लिए आग्रह किया जाएगा।

मौके पर डीसी कृपानंद झा, डीडीसी बिंदेश्वरी ततमा, परितोष उपाध्याय, राजपाल भगरिया, आरआर मिश्रा, सदर एसडीओ सुरेंद्र कुमार वर्मा, डीएसपी अजय कुमार, कैसर जावेद, मनोज सिंह, नवीन तिवारी समेत कई लोग उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन मीनाक्षी प्रकाश ने किया।

89 लोगों को मिला नियुक्ति पत्र

मेदिनीनगर : स्थानीय पुलिस स्टेडियम में बुधवार को आयोजित महिला स्वयं सहायता समूह के महासम्मेलन में 29 महिलाओं को मानदेय के आधार पर नियुक्ति पत्र दिया गया। ये सभी समूहों के कार्यो की निगरानी करेंगे। इसके अलावा प्रमंडल के एक सौ समूहों को 15-15 हजार की परिक्रमी राशि, दो सौ दरी, एसएचजी कीट, 97 समूहों को प्रशिक्षण शुल्क के लिए 12-12 सौ रूपए व संजीवनी की 150 समूहों के प्रशिक्षण के लिए दो-दो हजार रूपए दिए गए। इसके अलावा पलामू जिले के 99 व लातेहार के 94 समूहों को 29-29 सौ रुपये का चेक प्रदान किया गया।


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