राजनीति करने वालों में सत्ता की हवस हावी
मेदिनीनगर : प्रतिबद्ध व्यक्ति को ही राजनीति में मान्यता मिलनी चाहिए। लेकिन वर्त्तमान हालात में अवसरवादिता को राजनीति का पर्याय मान लिया गया है। यह स्वस्थ्य राजनीतिक विचारधारा के विपरित है। इससे सामाजिक व अन्य दूसरे क्षेत्रों के मूल्यों में ह्रास तय है।
उक्त बाते झारखंड विधानसभा के प्रथम अध्यक्ष इंदर सिंह नामधारी ने कहीं। वे रविवार को स्थानीय बारहलोटा में प्रबुद्ध नागरिकों की एक सभा को संबोधित कर रहे थे। कहा कि राजनीति करने वालों में सत्ता की हवस हावी हो गई है। इसकेचलते लोग येन केन प्रकारेण चुनाव जीतकर सत्ता को हथियाना चाहते हैं। इस पार्टी की तथाकथित हवा देखते हैं मेढ़कों की तरह उसमें जा कूदते हैं। ऐसे लोग न तो जनता की सेवा कर सकते हैं और न ही वंचितों को न्याय दिलवा सकते हैं। इतिहास साक्षी है कि राणा प्रताप ने प्रतिबद्धता की राजनीति की थी। वहीं सत्ता की राजनीति करने में मान सिंह माहिर थे। लेकिन देश आज राणा प्रताप को याद करता है मान सिंह को नहीं।
सभा को दिलीप सिंह नामधारी ने भी संबोधित किया। कहा कि जनता का विश्वास पाकर मैं शासक नहीं सेवक बनना चाहता हूं। सभा में गिरिजा शकर तिवारी, बबलू तिवारी, प्रवीर तिवारी, श्रीकान्त ठाकुर, आनन्द प्रकाश तिवारी, शैलेष तिवारी, वेद प्रकाश तिवारी, सुनील कुमार पांडेय, नंद किशोर मेहता, जगनारायण पांडेय, मुन्ना शुक्ला, सुजीत कुमार, संतोष कुमार गुप्ता, श्यामलाल तिवारी, छोटू सिंह, राजनाथ तिवारी, राजू राम, मुखिया, अमरेश तिवारी, अनिल कुमार चौधरी, सुखलाल राम, रामलाल राम, कुलदीप राम, रमेश भुईंया, अनिल कुमार चौधरी, सुनील राम, दिनेश्वर मोची, अनिल राम, नन्दलाल राम, श्याम किशोर मेहता उप मुखिया, रमेश साव, माकू उरांव, अखिलेश बैठा सहित कई लोग उपस्थित थे।