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ब्लड बैंक की व्यवस्था सुधारने को गंभीर नहीं माननीय

पाकुड़ : चुनाव के समय जनप्रतिनिधि बड़ी-बड़ी घोषणाएं करते हैं। शिक्षा, स्वास्थ्य, पेयजल, बिजली व्

By JagranEdited By: Published: Tue, 12 Sep 2017 03:01 AM (IST)Updated: Tue, 12 Sep 2017 03:01 AM (IST)
ब्लड बैंक की व्यवस्था सुधारने को गंभीर नहीं माननीय

पाकुड़ : चुनाव के समय जनप्रतिनिधि बड़ी-बड़ी घोषणाएं करते हैं। शिक्षा, स्वास्थ्य, पेयजल, बिजली व्यवस्था को दुरुस्त करने का वादा करते हैं। लेकिन चुनाव जीतने के बाद जनप्रतिनिधियों का वादा हवा-हवाई साबित होता है। यही वजह है कि जिला मुख्यालय स्थित एकमात्र ब्लड बैंक जनप्रतिनिधियों के उपेक्षा का शिकार है। माननीय ब्लड बैंक की व्यवस्था को दुरुस्त करने में गंभीर नहीं हैं। ब्लड बैंक में चिकित्सकों की कमी है। लैब टेक्नीशियन भी मौजूद नहीं हैं। इसलिए ब्लड बैंक बंद होने के कगार पर पहुंच चुका है।

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बताते चलें कि 21 मई 2013 को तत्कालीन उपायुक्त सुनील कुमार ¨सह ने ब्लड बैंक का उद्घाटन किया था। परंतु चिकित्सक व प्रशिक्षित कर्मचारियों के नहीं रहने के कारण ब्लड बैंक में ताला लटक गया था। इसके बाद जनप्रतिनिधियों के बीच व स्वास्थ्य विभाग में ब्लड बैंक की चर्चा गुम हो गई। पुन: 27 फरवरी 2016 को स्थानीय विधायक आलमगीर आलम ने ब्लड बैंक का उद्घाटन किया। लेकिन चिकित्सक के नहीं रहने के कारण एक बार फिर ब्लड बैंक बंद होने के कगार पर पहुंच चुका है। ब्लड बैंक में चिकित्सकों व प्रशिक्षित कर्मचारियों की पदस्थापन के लिए किसी भी जनप्रतिनिधि ने प्रयास नहीं किया है। इसका खामियाजा जनता को भुगतना पड़ रहा है। ब्लड बैंक के बंद हो जाने से मरीजों की परेशानी बढ़ गई है। हालांकि राजमहल लोकसभा क्षेत्र के सांसद विजय हांसदा व पाकुड़ विधायक आलमगीर आलम का कहना है कि वह अपने स्तर से कई बार प्रयास कर चुके हैं। लेकिन सरकार उनकी सुनती ही नहीं है। ब्लड बैंक के प्रति जनप्रतिनिधि कितना गंभीर है यह आम जनता समझ चुकी है। ब्लड बैंक की व्यवस्था देख पता चलता है कि जनप्रतिनिधियों ने अब तक कोई ठोस पहल नहीं की है।

गुम हो गई ब्लड बैंक की चर्चा

जिलास्तर पर होनेवाली जिला परिषद की बैठक, पंचायत समिति की बैठक, नगर परिषद की बैठक में शामिल होनेवाले जनप्रतिनिधि आज तक ब्लड बैंक के बारे में चर्चा तक नहीं किए हैं। जिला परिषद व नगर परिषद ने आज तक ब्लड बैंक की व्यवस्था सुधारने की दिशा में कोई प्रयास नहीं किए हैं। जनप्रतिनिधि पत्राचार की बात कहकर चुप्पी साध लेते हैं। लेकिन पत्राचार के बाद उस पर क्या कार्रवाई हुई, यह किसी को नहीं पता।

वर्जन..

प्रयास लगातार हुआ है। लेकिन सरकार सुध नहीं ले रही है। ब्लड बैंक की व्यवस्था सुधारने के लिए सरकार को पत्राचार भी किया गया है।

विजय हांसदा, सांसद लोकसभा क्षेत्र, राजमहल

सरकार को कई बार पत्र लिखा गया है। मेरे प्रयास से एक चिकित्सक का पदस्थापन भी हुआ था। ब्लड बैंक की व्यवस्था सुधारने के लिए लगातार प्रयास किया जा रहा है।

आलमगीर आलम, विधायक पाकुड़


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