इलाके में चलती थी सनातन की दादागिरी
पाकुड़ : महेशपुर थाना क्षेत्र के डुमरघाटी गांव निवासी सनातन मड़ैया का इलाके में दादागिरी चलती थी। उसकी
पाकुड़ : महेशपुर थाना क्षेत्र के डुमरघाटी गांव निवासी सनातन मड़ैया का इलाके में दादागिरी चलती थी। उसकी गिरफ्तारी के बाद डुमरघाटी व आसपास के ग्रामीणों ने राहत की सांस ली है। उसने वर्ष 2001 में अपराध की दुनिया में कदम रखा था। करीब 12 वर्षो तक जेल में बंद रहने के बाद वर्ष 2013 में जेल से बाहर निकला और फिर अपराध की दुनिया से जुड़ गये।
पुलिस के अनुसार सनातन 28 दिसंबर 2001 को पहली बार दुमका जिले के काठीकुंड में लूट की घटना को अंजाम दिया था। उसने पुलिस निरीक्षक रामशरण प्रसाद की हत्या कर दी थी। इस घटना के बाद सनातन का नाम अपराधिक इतिहास में दर्ज हो गया। वर्ष 2002 में वह जेल गया। जेल से निकलने के बाद उसने अपना मजबूत गिरोह तैयार किया। गिरोह के सदस्यों ने अमड़ापाड़ा थाना क्षेत्र के पचुवाड़ा में 9 मार्च 2016 को पुल बना रही कंपनी से रंगदारी मांगी। सनातन ने गिरोह के सदस्यों से मिलकर हिरणपुर प्रखंड मुख्यालय स्थित पेट्रोल पंप में भी लूट की घटना को अंजाम दिया था। गांव में छोटी-छोटी बात पर लोगों को मारपीट कर जान से मारने की धमकी दिया करता था। इससे डुमरघाटी सहित आसपास के ग्रामीण दहशत में रहते थे।
गिरफ्तारी को लगातार की जा रही थी छापामारी
पुलिस के लिए सिरदर्द बन गया था सनातन। दो-दो बड़ी घटना को अंजाम देने के बाद वह पुलिस की नजर से बचता रहा। महेशपुर इलाके में वह छिपकर रहता था। हमेशा ठिकाना बदलता रहता था। पुलिसिया गतिविधि के बारे में हमेशा पता लगाता रहता था। हालांकि गिरोह के अन्य सभी सदस्य पुलिस के हत्थे चढ़ चुके हैं। पुलिस सनातन की गिरफ्तारी के लिए लगातार छापामारी कर रही थी। सनातन की गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने राहत की सांस ली है।
वर्जन...
सनातन की गिरफ्तारी के लिए पुलिस लगातार छापामारी कर रही थी। पुलिस ने गिरोह के सभी सदस्यों को पूर्व में ही गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है। यह पुलिस के लिए बड़ी सफलता है।
अजय ¨लडा, पुलिस अधीक्षक पाकुड़