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रोजगार से बदलेगी गांवों की तस्वीर : डीसी

By Edited By: Published: Tue, 02 Sep 2014 09:58 PM (IST)Updated: Tue, 02 Sep 2014 09:58 PM (IST)

लोहरदगा : लोहरदगा के सुदूरवर्ती नक्सल प्रभावित क्षेत्र के 44 बच्चों के जीवन में नया सवेरा आएगा। जिला प्रशासन के प्रयास से इन बच्चों के जीवन को एक उद्देश्य देने का प्रयास किया जा रहा है। उक्त बातें उपायुक्त परमजीत कौर ने मंगलवार को कही। डीसी एडीशनल सेंट्रल असिस्टेंट योजना अंतर्गत रांची के रातू स्थित फ्रंट लाइन ग्लोबल सर्विसेज में नक्सल प्रभावित क्षेत्र के 44 बच्चों को क्षमता विकास प्रशिक्षण के लिए भेजे जाने से पूर्व आयोजित समारोह को संबोधित कर रही थी। इससे पूर्व योजना के लिए चयनित बच्चों ने केक काटकर अपना भविष्य सुधारने का संकल्प लिया। डीसी ने कहा कि बच्चों को प्रशिक्षण केंद्र में रिटेल मैनेजमेंट का प्रशिक्षण दिया जाएगा। इस योजना के तहत नक्सल प्रभावित क्षेत्र के 180 बच्चों को प्रशिक्षण दिलाकर उन्हें रोजगार भी उपलब्ध कराना है। पहले चरण में 44 बच्चों को चयनित किया गया है। उन्होंने कहा कि रोजगार से ही गांव की तस्वीर बदल सकती है। बेरोजगारी व अशिक्षा कई समस्याओं की जड़ है। नौ माह के प्रशिक्षण में प्रति बच्चा 66900 रुपए का खर्च आएगा। बच्चों को मन लगाकर अपना प्रशिक्षण पूरा करना है। जो बच्चा प्रशिक्षण अधूरा छोड़कर आ जाएगा, उस बच्चे के परिजन से प्रशिक्षण खर्च की राशि वसूल की जाएगी। चयनित बच्चों में पेशरार, किस्को, सेन्हा के बच्चे शामिल हैं। मौके पर डीडीसी छवि रंजन, एसी बीएन चौबे, डीआरडीए निदेशक बीके चौधरी, डीपीओ महेश भगत, नीलू कुमारी, खुशबू कुमारी, प्रवीण कुमार, संदीप कुमार आदि मौजूद थे।


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