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जीवन में धार्मिक शिक्षा का विशेष महत्व : धर्मानंद

By Edited By: Published: Sun, 08 Sep 2013 11:17 PM (IST)Updated: Sun, 08 Sep 2013 11:18 PM (IST)
जीवन में धार्मिक शिक्षा का विशेष महत्व : धर्मानंद

लोहरदगा : गुरुकुल शांति आश्रम में रविवार को संस्कारशाला का आयोजन किया गया। संस्कारशाला में स्वामी धर्मानंद ने उपनयन संस्कार के प्रति वेद आधारित जानकारी दी। उन्होंने कहा कि जीवन में धार्मिक शिक्षा का विशेष महत्व है। विवाह और उपनयन संस्कार का पालन करना चाहिए। उन्होंने राष्ट्रभावना की आवश्यकता को समझाया। उन्होंने कहा कि जीवन में नैतिक और भौतिक नियंत्रण बेहद जरूरी है। स्वामी जी ने वेद मंत्र के आधार पर धर्म शास्त्र, धर्म चिह्न के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि कश्मीर में संगीत संध्या पर विवाद दुखद है। उन्होंने कहा कि गुरुकुल शांति आश्रम को भारतीय संस्कृति के रक्षा केन्द्र के रूप में स्थापित करने की जरूरत है।

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इस मौके पर व्यवसायी शत्रुघ्न गुप्ता, व उनकी पत्‍‌नी ने यज्ञ शाला निर्माण के लिए 51 हजार रुपए का दान कर यज्ञशाला निर्माण की नींव रखी। कार्यक्रम में अंत में मंत्रोचार के साथ वैदिक धर्म रक्षा का आह्वान किया गया। मौके पर वीपी शर्मा, सोमनाथ शास्त्री, मनोज शास्त्री, राजकिशोर वैद्य, गणेश शास्त्री, विजय जायसवाल, वीके बालांजिन्प्पा, एबी दुबे, मदन मोहन पांडेय, अर्जुनदेव शर्मा, गुलाब भगत, नवल लाल, इंदू देवी, माधुरी देवी, सुमित्रा देवी, अनुग्रह कुमार, आशुतोष, महादेव, संतोष, उमेश, शरतचन्द्र आर्य, वरुण बिहारी, राजेन्द्र आर्य, संजय पोद्दार, आरुणी आर्य, निरंजन आर्य, भूषण प्रसाद साहु आदि मौजूद थे।

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