कोहरे की आगोश में समाया शहर
झुमरीतिलैया (कोडरमा): धुंध की चादर में शनिवार की रात पूरा जिला समाया रहा। रात्रि आठ बजे के बाद अचान
झुमरीतिलैया (कोडरमा): धुंध की चादर में शनिवार की रात पूरा जिला समाया रहा। रात्रि आठ बजे के बाद अचानक नजारा बदलने लगा। देखते ही देखते सड़कों पर चलनेवाले वाहनों की रफ्तार धीमी पड़ गई। फॉग में लाइट के साथ-साथ इंडीकेटर जलने लगे। ²श्यता 10 मीटर से भी कम हो गई। कई वाहनें तो सड़क के किनारे खड़े हो गए। वाहन ओस की बूंदों में भीगने लगे। कई लोग तो उत्सुकतावश यह नजारा देखने घरों से निकलने लगे। पूरी रात यही स्थिति रही। एनएच पर सड़क दुर्घटना की संभावना को भांपते हुए पुलिस प्रशासन अलर्ट हो गया और विभिन्न थानों की गश्ती बढ़ा दी गई। पुलिस आगे घाटी होने की बात कहकर वाहनों को काफी धीरे और सावधानीपूर्वक चलाने की नसीहत के साथ आगे बढ़ने को कहते रहे।
इधर, उत्तर भारत में भी पड़ रहे कोहरे के कारण रविवार को भी ट्रेनों का परिचालन अस्त-व्यस्त रहा। डाउन लाइन की ट्रेनों के लेट आने की वजह से अप लाइन में भी ट्रेनें बुरी तरह प्रभावित हो रही हैं। रविवार को हावड़ा से खुलने वाली हावड़ा-नई दिल्ली पूर्वा एक्सप्रेस को रद कर दिया गया। इससे यात्रियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। वहीं अप एवं डाउन लाइन पर राजधानी समेत कई ट्रेनें 10 से 12 घंटे विलंब से चल रही हैं। इससे यात्रियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। लगन के मौसम में शादी-विवाह वाले घरों में मेहमान लेट से पहुंच रहे हैं। ट्रेनों का न तो आने का समय निश्चित है और न ही गंतव्य तक पहुंचने का। कई ट्रेनों को रिशिड्यूल कर चलाया जा रहा है।
कोहरे ने बढ़ाई ठंड
मरकच्चो: दिसंबर माह का आगमन होते ही मौसम का मिजाज बदलने लगा है। कोहरे के साथ ठंड में भी इजाफा हो रहा है। रविवार को आधे दिन तक कोहरा छाया रहा। बीच-बीच में कभी-कभी धूप भी निकली, लेकिन तेज धूप नहीं थी। दिन भर आसमान में बदल छाए रहे। ठंड बढ़ने के साथ-साथ पड़ रहे कोहरे से सबसे अधिक नुकसान आलू के लगे फसल को होता है। यही कारण है कि कोहरे को लेकर किसान अभी से ¨चता करने लगे हैं। इधर, दो तीन दिनों से सुबह 9-10 बजे तक कोहरे की परत घनी रहती है। इसके बाद ही कुछ कुछ मौसम साफ होता है तो बादल अपना प्रभाव दिखाने लगता है। जानकारों व बूढ़े-बुजुर्गो का कहना है कि इस वर्ष ठंड का प्रकोप अधिक रहेगा क्योंकि इस वर्ष बरसात अच्छी हुई है। दिसंबर से जनवरी तक कोहरे का प्रभाव अधिक रहेगा। बादल हटने के बाद ठंड में काफी इजाफा होगा।