मुनाफे की पटरी पर दौड़ेगी रेल
झुमरीतिलैया : देश में बढ़ते ऊर्जा की मांग को देखते हुए रेलवे कोयला ढुलाई बढ़ने की तैयारी में है। अगर
झुमरीतिलैया : देश में बढ़ते ऊर्जा की मांग को देखते हुए रेलवे कोयला ढुलाई बढ़ने की तैयारी में है। अगर सबकुछ योजना के अनुसार रहा तो जल्द ही दो मिलियन टन की अधिक लो¨डग में धनबाद रेल मंडल सफल होगा। कोडरमा-हजारीबाग रेलखंड के नए साइ¨डग से बिहार के बाढ़ में स्थित एनटीपीसी को प्रतिदिन तीन रैक दिसंबर माह से उपलब्ध कराएगी।
धनबाद रेल मंडल डिविजन के अंतर्गत यह योजना पहली बार शुरू होगी। इस रूट में फिलहाल कोडरमा से हजारीबाग डीएमयू सवारी गाड़ी का परिचालन हो रहा है। कोयला लो¨डग की प्रक्रिया शुरू होने के बाद कोडरमा स्टेशन पर लगभग 8 से 10 डीजल इंजन का आना-जान लगेगा। कोडरमा-हजारीबाग रेल खंड के अंतर्गत बानादग से एनटीपीसी प्रतिदिन 5 से 7 रैक की मांग कर रहा है। वहीं इसी खंड पर कटकमसांडी एवं बेस में सीसीएल का साइ¨डग है। धनबाद रेल मंडल ने 2013-14 में 103 मिलियन टन माल की लो¨डग कर देश में लो¨डग के मामले में दूसरा स्थान प्राप्त किया था। बताते चलें कि चालू वित्तीय वर्ष में धनबाद रेल मंडल के 110 मिलियन टन लो¨डग का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
इसी कड़ी में हजारीबाग साइ¨डग के अलावा धनबाद रेल मंडल में मार्च तक 6 साइ¨डग खोलने की घोषणा की गई है। कोडरमा-गिरिडीह रेल लाइन के अंतर्गत नवलशाही में भी साइ¨डग खोलने की योजना है। यहां स्टोन चिप्स बिहार समेत अन्य राज्यों में भेजे जाएंगे। इधर, साइ¨डग खोले जाने को लेकर 3 दिसंबर को पूर्व-मध्य रेलवे हाजीपुर के मुख्य परिचालन प्रबंधक दीपक नाथ के बानदाह जाने की योजना है।
इसके पूर्व धनबाद रेल मंडल के अधिकारी भी कोडरमा से होते हुए हजारीबाग का दौरा करेंगे। मालूम हो कि 20 फरवरी 2015 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस खंड का उद्घाटन किया था और इसके साथ ही हजारीबाग प्रमंडलीय मुख्यालय आजादी के 67 साल बाद रेल मार्ग से जुड़ा। इधर, राज्य के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने दो दिन पूर्व रेल अधिकारियों के साथ बैठक कर हजारीबाग को बरकाकाना से जोड़ने की बात कही है और संभावना है कि मार्च में बड़काकाना से जुड़़ने से कोडरमा से रांची का सीधा संपर्क हो जाएगा और यह तीसरा विकल्प रेलवे के लिए होगा। वर्तमान में ग्रैंडकॉड व सीआइसी सेक्शन के रास्ते रांची के लिए ट्रेनें चल रही है। तीसरा विकल्प होने के बाद रेल मंत्रालय हजारीबाग से कोडरमा के रास्ते नयी ट्रेन चलाने की तैयारी में भी लगा है।
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रेलवे में कर्मचारियों की कमी
झुमरीतिलैया : र¨नग कर्मचारियों की कमी के कारण सेवारत कर्मचारियों पर अत्यधिक दबाव है। धनबाद रेल मंडल के विभिन्न यूनियनों के कर्मचारी रेल मंत्रालय से कर्मियों की बहाली की मांग कर रहा है ताकि नये सेक्शन पर भी यातायात बढ़े। नये कर्मचारियों के आने से र¨नग कर्मचारियों के कार्य का दबाव भी कम होगा और राजस्व की बढ़ोत्तरी होगी।
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केटीपीएस में आ रहे हैं महीने में 60 से 70 रैक
झुमरीतिलैया : डीवीसी के संचालित कोडरमा थर्मल पावर प्रोजेक्ट में प्रतिमाह 60 से 70 रैक कोयले की आपूर्ति हो रही है। धनबाद रेल मंडल के पाथलडीह, रायखिलारी के अलावा छत्तीसगढ़ से कोयला आ रहा है। 500-500 के दो यूनिटों में लगभग 150 रैक की आवश्यकता है, लेकिन जगह की कमी के कारण एक ही यूनिट में कार्य हो रहा है। बताते चलें कि धनबाद रेल मंडल कोयले की आपूर्ति और बढ़ाता है तो लो¨डग के मामले में विलासपुर एवं चक्रधरपुर रेल मंडल को पीछे छोड़ देगा।