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नक्सली धमक से रेल परियोजना के काम में लगा ब्रेक

By Edited By: Published: Wed, 20 Aug 2014 09:52 PM (IST)Updated: Wed, 20 Aug 2014 09:52 PM (IST)
नक्सली धमक से रेल परियोजना के काम में लगा ब्रेक

संवाद सहयोगी, कोडरमा: नक्सली धमक से कोडरमा-तिलैया नवादा रेल परियोजना के कार्य में ब्रेक लग गया है। एक नक्सली संगठन ने हाल के दिनों में गझंडी अंतर्गत बिहार सीमा से सटे क्षेत्र में कार्य में ब्रेक लगा दिया है। मंगलवार को नक्सलियों ने दहशत फैलाने के लिए दो कर्मियों की जमकर पिटाई भी कर दी। मामला कोडरमा पुलिस तक भी पहुंचा है। पूरे मामले में पुलिस नजर रख रही है। वहीं मामले की गंभीरता को देखते हुए गझंडी पिकेट में तैनात जवानों को अलर्ट करते हुए लगातार एलआरपी करने को कहा गया है। हालांकि इस संबंध में निर्माण कंपनी के लोग कुछ भी बताने से परहेज कर रहे है। बताया जाता है कि उग्रवादियों का दो संगठन बिहार सीमा से सटे इलाकों में आवाजाही कर रहे है। इन्हीं संगठनों द्वारा कार्य को अवरूद्ध किया गया है। माना जा रहा है कि कार्य रोकने के पीछे लेवी मुख्य कारण है। सनद हो कि कोडरमा से नवादा तिलैया तक करीब 65 किलोमीटर की रेल लाईन का निर्माण कार्य होना है। वर्तमान में कोडरमा से गझंडी इलाका होते हुए बिहार सीमा तक 20 किलोमीटर तक लेवलिंग व ब्रीज निर्माण का कार्य किया गया है। वहीं दूसरी ओर बिहार क्षेत्र से झारखंड की ओर भी कार्य चल रहा है। इस दूरी के बीच 25 किलोमीटर का क्षेत्र पूरी तरह उग्रवाद प्रभावित है। ऐसे में दुर्गम जंगलों में परियोजना का कार्य में कई तरह की कठिनाई आ सकती है।

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सर्च अभियान चलाया जा रहा: एएसपी

कोडरमा: रेल परियोजना रोकने के संबंध में एएसपी नौशाद आलम ने कहा कि मामले की जानकारी है। इसके लिए गझंडी के जंगली इलाके में लगातार अभियान चलाया जा रहा है। दो उग्रवादी संगठन के द्वारा कार्य रोकने की सूचना है। निर्माण में लगे कर्मियों को पूरी सुरक्षा व सहयोग दिया जाएगा। तमाम मसलों पर गहनता से विचार किया जा रहा है। बिहार पुलिस से भी सहयोग लिया जा रहा है।

पूर्व में भी हुई थी घटना

कोडरमा: कोडरमा-तिलैया रेल परियोजना में पूर्व में भी उग्रवादियों ने घटना का अंजाम दे चूके है। परियोजना के शुरूआती दौर में वर्ष 2006 में कोडरमा स्टेशन से महज तीन किलोमीटर की दूरी में उग्रवादियों ने परियोजना कार्य में लगे जेसीबी मशीन को जला डाला था। वहीं पिछले वर्ष अपराधियों ने बेलाटांड़ के पास कंपनी के कैंप में आग लगाकर लाखों का सामान व मशीन जला दिया था।


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