यज्ञ से होती है धार्मिक संस्कारों की उत्पत्ति: दिलीप शास्त्री
मरकच्चो : यज्ञ के आयोजन से मनुष्य के अंत:करण में शुद्धता एवं धार्मिक संस्कारों की उत्पत्ति होती है। संस्कार के सभी कार्य ईश्वर के द्वारा संचालित होते हैं। इसलिए मनुष्य को धार्मिक अनुष्ठानों में बढ़-चढ़ हिस्सा लेना चाहिए। उक्त बातें मरकच्चो प्रखंड के ग्राम पडरिया तिलैया में 15 अप्रैल से चल रहे 11 दिवसीय श्रीश्री 108 श्री महाशक्ति देवी सह प्राणप्रतिष्ठा महायज्ञ के पांचवें दिन शनिवार को कथावाचक दिलीप शास्त्री ने अपने प्रवचन में कही। उन्होंने कहा कि ईश्वर के स्मरण मात्र से ही मनुष्य को सुख व सौभाग्य की प्राप्ति होती है। इसलिए मनुष्य को संसारिक कार्यो के अलावा समय-समय ईश्वर का स्मरण करना चाहिए। इस अवसर पर डॉ. महेन्द्र कुमार वर्मा, कृष्णदेव यादव, मिथिलेश प्रसाद यादव, श्यामसुंदर यादव, मनोज यादव, फुलेन्द्र यादव, जागेश्वर सिंह, देवेंद्र दयाल, अशोक दयाल आदि उपस्थित थे।