रेल परियोजना के पूरा होने में भूअर्जन का रोड़ा
झुमरीतिलैया (कोडरमा): कोडरमा हजारीबाग लाइन पर आगामी फरवरी माह तक रेल दौड़ाने की योजना खटाई में पड़ सकता है। मालूम हो कि कोडरमा-रांच वाया हजारीबाग रेल परियोजना को पूरा करने में रेल प्रशासन जुटा है। लेकिन जमीन अधिग्रहण के कारण इसमें कई समस्याएं आ रही है। जिले के मोरियावां व चंदवारा एनएच में भूमि अधिग्रहण का कार्य कछुआ चाल से चलने के कारण निर्माणाधीन कोडरमा-हजारीबाग रेल निर्माण का कार्य बाधित हो रहा है। इस रेलखंड पर जनवरी माह में सीआरएस कराकर फरवरी माह तक रेल दौड़ाने की योजना प्रभावित हो सकती है। मोरियावां में कुल 13 एकड़ भूमि अधिग्रहण होना है जिसमें महज 2.38 एकड़ भूमि ही अधिग्रहित हो सकी है। मोरियावां में 12 मीटर चौड़ा और 250 मीटर लंबा रेल पुल सहित रेल क्वार्टर, यार्ड बनाने का प्रस्ताव है। वहीं चंदवारा एनएच पर भी प्रस्तावित पुल बनने का काम भी अधर में है। मालूम हो कि रेलवे ने मोरियावां में भूमि अधिग्रहण के लिए राज्य सरकार को 8.6 करोड़ रुपया उपलब्ध करा दिया है। सूत्रों के अनुसार मोरियावां में अधिग्रहित की जानेवाली भूखंड पर कई लोगों का मकान वर्षो से निर्मित है। उन्हें अबतक जिला प्रशासन से अधिग्रहण को लेकर कोई नोटिस नहीं भेजा गया है। रेलवे परियोजना के लिए 27 नवंबर से जिला प्रशासन हरकत आया है। वहीं बुधवार से मापी का कार्य शुरू किया गया है। अधिग्रहण के पश्चात ही भूखंड पर मिट्टी भरने व अन्य कार्य शुरू किया जाएगा। भूखंड अधिग्रहण की समीक्षा के लिए बुधवार को पूर्व-मध्य रेलवे निर्माण महेंदू्र के कार्यपालक अभियंता विजय कुमार सहित कोडरमा व हजारीबाग के अधिकारी मोरियावां एवं चंदवारा में स्थल का निरीक्षण किया। वहीं जिला प्रशासन की ओर से भू-अर्जन कार्यालय के अमीन राधाकृष्ण प्रसाद, अशोक कुमार, कर्मचारी आलोक शर्मा उपस्थित थे। बताते चलें कि पूर्व-मध्य रेलवे के मुख्य प्रशासनिक अधिकारी एलएम झा ने नवंबर माह में कोडरमा-हजारीबाग रेल खंड का निरीक्षण किया था। इस दौरान उन्होंने कहा था कि दिसंबर माह में कोडरमा से हजारीबाग तक इंजन दौड़ाया जाएगा। वहीं जनवरी में सीआरएस एवं फरवरी में खंड पर डीएमयू ट्रेन का परिचालन कराया जाएगा, लेकिन भूमि अधिग्रहण नहीं होने की वजह से इस योजना में विलंब से इंकार नहीं किया जा सकता है।
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