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सर्वागीण विकास हो शिक्षा का उद्देश्य : फेड्रिक लकड़ा

खूंटी : पास्टर फेड्रिक लकड़ा ने कहा है कि शिक्षा का उद्देश्य छात्र का संपूर्ण विकास के साथ चरित्र निर

By Edited By: Published: Mon, 23 Jan 2017 11:43 PM (IST)Updated: Mon, 23 Jan 2017 11:43 PM (IST)
सर्वागीण विकास हो शिक्षा का उद्देश्य : फेड्रिक लकड़ा

खूंटी : पास्टर फेड्रिक लकड़ा ने कहा है कि शिक्षा का उद्देश्य छात्र का संपूर्ण विकास के साथ चरित्र निर्माण होना चाहिए। सोमवार को सेवेंथ डे एडवेंटिस्ट सीनियर सेकेंडरी स्कूल तोरपा के रंगारंग वार्षिकोत्सव का उद्घाटन करते हुए बतौर मुख्य अतिथि विद्यार्थियों और अभिभावकों को संबोधित करते हुए पास्टर लकड़ा ने उक्त बातें कहीं। उन्होंने कहा कि हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि हम सभी ईश्वर के सृजन हैं। ईश्वर की छवि हम सभी में हैं। बच्चे ईश्वर की ही प्रतिमूर्ति हैं। बच्चों को अच्छी शिक्षा देते हुए उनके चरित्र का निर्माण करना शिक्षकों का पुनीत कर्तव्य है। कहा कि किताबी ज्ञान के साथ ही बच्चों के सामाजिक, आर्थिक, शैक्षणिक, मानसिक, अध्यात्मिक विकास करते उनका चरित्र निर्माण करना है। कहा कि पाठ्यक्रम में अतिरिक्त गतिविधियों का जुड़ाव होना चाहिए, जिससे बच्चों का कौशल विकास हो सके। खेल, लेख, वाद-विवाद, निबंध, क्विज आदि अतिरिक्त गतिविधियों के माध्यम से बच्चों के आइक्यू का विकास समय की मांग है। उन्होंने खुशी व्यक्त करते हुए कहा कि इस विद्यालय के शिक्षक समर्पित भाव से यह कार्य कर रहे हैं। यह महान क्षण इस मामले में है कि यह विद्यालय नया दिख रहा है। उन्होंने विद्यालय के प्राचीन दिनों का स्मरण करते हुए कहा कि जब वित्तीय संकट से यह विद्यालय जूझ रहा था। समय बहुत कठिन था। विद्यालय में पेयजल की समस्या थी। परिसर भी सुरक्षित नहीं था। यहां के प्रबंधन, प्राचार्य और शिक्षकों ने जिस समर्पण भाव से इस विद्यालय का वर्तमान स्वरूप प्रदान किया है। उससे इस विद्यालय ने पूरे राज्य में प्रतिभा उन्नयन, व्यक्तित्व और चरित्र निर्माण तथा अनुशासन के मामले में विशिष्ट पहचान बनाई है। उन्होंने कहा कि शिक्षा अब सूचना का माध्यम बन गई है। लिहाजा अतिरिक्त गतिविधियों की उपयोगिता बढ़ गई है। उन्होंने बाइबिल के कथन का हवाला देते हुए इस विद्यालय के उत्तरोत्तर विकास की कामना की। अतिथियों का स्वागत करते हुए प्राचार्य रमेश फेंडल ने कहा कि उत्थान-पतन के दौर से गुजरते हुए यह विद्यालय शिक्षा के क्षेत्र में झारखंड का नंबर वन विद्यालय बने, इसकी कोशिश जारी है। बेहतर सेवा देते हुए इस विद्यालय के प्राचीन गौरव को लौटाने की कोशिश जारी है। उन्होंने अभिभावकों को आश्वस्त करते हुए कहा कि आपकी इच्छा को ध्यान में रखते हुए ऊंचाई छूने की कोशिश की गई है। प्रतीक्षा कक्ष, लैब, परीक्षा भवन का निर्माण आदि चल रहा है। सुविधा का विस्तार चल रहा है। अप्रैल माह में परीक्षा भवन चालू हो जाएगा। उन्होंने कहा कि विदेशी की जगह भारतीय संस्कृति को अपनाने, बढ़ाने और राष्ट्रीयता का भाव जगाने का प्रयास चल रहा है। उन्होंने राष्ट्रपिता गांधी और बाइबिल का हवाला देते हुए कहा कि शिक्षा के माध्यम से भारतीय परंपरा, संस्कृति के माध्यम से हम भारतीय हैं, साबित करने का प्रयास सफल होता नजर आ रहा है। इस अवसर पर स्कूली बच्चों ने स्वागत, भाव नृत्य और गीत के माध्यम से लोगों का मन मोह लिया। 29 राज्यों की संस्कृति पर आधारित कार्यक्रम से भारतीय विविधता को दर्शाते हुए राष्ट्रीय एकता का संदेश दिया गया। इस अवसर पर एसडीओ भोर ¨सह यादव, एसडीपीओ रणबीर ¨सह, प्रो. एसन यादव, राणा राय, पीके गायना, एसी बाड़ा, वालेन राय, सुलेमान तोपनो, राजेश चौड़े, अर¨वद मिश्रा, अशोक ¨सह, विश्राम कुजूर, बेस्ट शिक्षक एसडी यादव,शिक्षिका रानी तोपनो, बेस्ट छात्र चोना राम, छात्रा मारिया राज आदि मौजूद थे।


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