खुले में शौच गए तो बच्चे बजाएंगे सीटी, नहीं सुधरें तो जुर्माना
बच्चे बाहर शौच जाने वालों को मौके पर सीटी बजाकर अपमानित करेंगे।
प्रमोद चौधरी, जामताड़ा। यदि आपके घर में सरकारी राशि से शौचालय बना है फिर भी शौच के लिए खुले में जा रहे हैं तो सावधान हो जाइए। क्योंकि, ऐसा करने पर आपको अपने गांव के बच्चों से शर्मिंदगी झेलनी पड़ेगी। वे अलसुबह ही छिप कर आपकी निगरानी शुरू कर देंगे। तालाब, मैदान या खेत में शौच के लिए बैठते ही उनका झुंड सीटी बजाते हुए आपके सामने खड़े हो जाएंगे।
ऐसे में अपने सामने नजर झुकाने के सिवा कोई विकल्प नहीं रहेगा। जी हां, स्वच्छ भारत मिशन की सफलता के लिए डीडीसी भोर सिंह यादव ने जामताड़ा जिले में गांवों में बच्चों की फौज खड़ी करने की मुहिम शुरू की है। कुंडहित प्रखंड से इस अभियान की शुरुआत की गई है। वहां निगरानी करने वाले बच्चों को काफी संख्या में डीडीसी ने सीटी बांटी है।
जानिए, क्यों पड़ी इसकी जरूरतः
दरअसल, स्वच्छ भारत मिशन के तहत जिले में 50 हजार शौचालय बन चुके हैं। जिले को खुले में शौच मुक्त (ओडीएफ) घोषित करने और 30 हजार शौचालय बनाए जाएंगे। इसके लिए नवंबर तक का लक्ष्य निर्धारित है। इस बीच मॉनीट¨रग के दौरान खुलासा हुआ कि कई ऐसे प्रखंड हैं जहां शौचालयों का सौ फीसद उपयोग नहीं हो रहा है। ग्रामीणों की मानसिकता बदलने के लिए छह माह पहले उपायुक्त डॉ. रमेश कुमार दूबे ने अल सुबह शौच के लिए बाहर जा रहे ग्रामीणों को माला पहनाकर उन्हें नसीहत दी थी, मगर ग्रामीणों की सोच में बदलाव नहीं आया।
बजेगी सीटीः
नए डीडीसी सह जिला जल स्वच्छता समिति के नोडल अधिकारी भोर सिंह यादव ने शौचालयों के उपयोग के लिए सोच में परिवर्तन के लिए नया अभियान छेड़ दिया है। कुंडहित के बाद अब अन्य सभी प्रखंडों में बच्चों की टोली बनाई जाएगी। यही बच्चे भोर से ही बाहर शौच करने वालों की निगरानी करेंगे। जिला समन्वयक रुबी कुमारी की मानें तो बच्चों को उत्साहित करने के लिए डीडीसी भोर सिंह यादव ने रविवार को दो सौ सीटियां बांटी। उनकी अगुवाई में रैली निकाली गई। इसमें बच्चे सीटी बजाते हुए गलियों में घूमे।
गांव गंदा करेंगे तो बहिष्कृत किए जाएंगे
बच्चों से फजीहत झेलने के बाद भी नहीं सुधरे तो ऐसे लोगों को ग्राम सभा से सजा मिलेगी। इस व्यवस्था के लिए भी डीडीसी पंचायत प्रतिनिधियों को जागरूक कर रहे हैं। शौचालय का उपयोग नहीं करने वालों को पंचायत बहिष्कार और जुर्माना की सजा देगी।
जामताड़ा में 50 हजार शौचालय बनाए जा चुके हैं। स्वस्थ समाज की परिकल्पना को साकार करने के लिए सरकार की बड़ी राशि खर्च हुई है। फिर भी लोग उसका उपयोग नहीं कर वातावरण को गंदा करते हैं और बीमारियां बढ़ा रहे हैं। फतेहपुर में शौचालयों का उपयोग सबसे कम हो रहा है। नारायणपुर प्रखंड सबसे बेहतर है। फिलहाल गांवों में हजार बच्चे तैयार किए जा रहे हैं। वे बाहर शौच जाने वालों को मौके पर सीटी बजाकर अपमानित करेंगे। ऐसे लोग फिर भी नहीं सुधरें तो ग्राम सभा उन्हें सजा देगी। पंचायती राज में ग्रामसभा सबसे सशक्त है।
-भोर सिंह यादव, डीडीसी, जामताड़ा।
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