Move to Jagran APP

लीड - सरकारी जमीन पर मंत्री लुईस का पेट्रोल पंप

जामताड़ा : सूबे की समाज कल्याण मंत्री डॉ. लुईस मरांडी दुमका में पेट्रोल पंप की मालकिन है वहीं सरकारी

By JagranEdited By: Published: Thu, 22 Jun 2017 01:02 AM (IST)Updated: Thu, 22 Jun 2017 01:02 AM (IST)
लीड - सरकारी जमीन पर मंत्री लुईस का पेट्रोल पंप

जामताड़ा : सूबे की समाज कल्याण मंत्री डॉ. लुईस मरांडी दुमका में पेट्रोल पंप की मालकिन है वहीं सरकारी जमीन पर ही उनका पंप चल रहा है। जबकि ¨हदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड में नियम के तहत डीलर किसी भी अन्य संस्था से रोजगार का लाभ नहीं ले सकता। मंत्री अपने पद का लाभ लेने के अलावा विश्वविद्यालय से वेतन भी ले रही है। यह अनियमितता व भ्रष्टाचार में आकंठ डूबने का प्रमाण है वह भी आरटीआई के तहत ही सब प्रमाण मिले हैँ। मंत्री को अविलंब अपने पद से त्यागपत्र दे देना चाहिए। आरोपों के साथ आरटीआई से मिले दस्तावेजी प्रमाणों को सामने लाते हुए यह खुलासा जामताड़ा जिला परिषद की पूर्व अध्यक्ष पुष्पा सोरेन ने किया।

loksabha election banner

सोरेन ने स्पष्ट कहा कि मंत्री लुईस मरांडी दुमका जिला स्थित मेसर्स मेरी फी¨लग स्टेशन पेट्रोल पंप की मालकिन है और उक्त पेट्रोल पंप झारखंड सरकार की जमीन पर संचालित है जो कानून के प्रतिकूल है। कानून के मुताबिक कोई भी पेट्रोल पंप का स्वामी सरकारी पद का लाभ ले नहीं ले सकता है जबकि मंत्री गत 2005 से पेट्रोल पंप की मालकिन है। सोरेन ने बताया कि हिन्दुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड के रांची स्थित रिटेल क्षेत्रीय कार्यालय के चीफ रीजनल मैनेजर ने सूचना का अधिकार के तहत उक्त आशय की लिखित जानकारी उपलब्ध कराई है। क्षेत्रीय कार्यालय से प्राप्त जानकारी में स्पष्ट दर्शाया गया है कि वर्ष 2005 से लुईस मरांडी पेट्रोल पंप की मालकिन है और प्लॉट न. 1245, खाता न. 40 जिस पर पेट्रोल पंप संचालित किया जा रहा है वह झारखंड सरकार की जमीन है। साथ ही यह भी स्पष्ट किया है ¨हदुस्तान पेट्रोलियम का कोई भी डीलर अन्य किसी भी संस्था में कार्य नहीं कर सकता है। जबकि लुईस मरांडी एक पेट्रोल पंप का डीलर होने के बाद जहां सरकारी जमीन का स्वहित में दुरूपयोग कर रही है और मंत्री जैसे पद पर आसीन हैं।

पुष्पा सोरेन ने बताया कि इतना ही नहीं सिदो कान्हू मुर्मू विश्वविद्यालय से सूचना का अधिकार के तहत जानकारी दी गई है कि लुईस मरांडी 3 मार्च 2008 को संताली भाषा में सहायक प्राध्यापक के पद पर नियुक्त हुई है और तब से लगातार प्रत्येक माह वेतन भी ले रही है। इस प्रकार अभी तक मरांडी बतौर प्राध्यापक 25 लाख से अधिक राशि प्राप्त कर चुकी है। सोरेन ने बताया कि लुईस मरांडी ने 2014 विस चुनाव में उक्त तथ्यों का छिपाया है जिसे तत्कालीन निर्वाचन पदाधिकारी ने बिना जांच किए निर्वाचन आवेदन पत्र को सत्य करार दिया। उन्होंने सरकार से मंत्री लुईस मरांडी का निर्वाचन भी तत्काल प्रभाव से निरस्त करने की मांग की है। उन्होंने मरांडी को घोटालेबाज मंत्री की संज्ञा देते हुए उन्हें संरक्षण देने वाले मुख्यमंत्री से भी तत्काल इस्तीफा देकर नैतिकता की रक्षा करने की गुजारिश की है। उन्होंने प्रधानमंत्री व भाजपा को भी आड़े हाथ लेते हुए कहा कि ईमानदारी की दुहाई देने वाले ये लोग देश की सवा अरब जनता को क्या जवाब देंगे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.