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सर, न्याय चाहिए और कुछ नहीं

जामताड़ा : सर, बस न्याय चाहिए और कुछ नहीं। यहां भी न्याय नहीं मिलेगा तो प्रधानमंत्री के पास जाकर द

By Edited By: Published: Thu, 25 Aug 2016 01:02 AM (IST)Updated: Thu, 25 Aug 2016 01:02 AM (IST)

जामताड़ा : सर, बस न्याय चाहिए और कुछ नहीं। यहां भी न्याय नहीं मिलेगा तो प्रधानमंत्री के पास जाकर दस्तक दूंगा। ये बातें मिहिजाम विद्युत कार्यालय में रिश्वतखोरी व उपभोक्ताओं को परेशान करने के मामले में जांच करने पहुंची दो सदस्यीय टीम के समक्ष फरियाद करते हुए शिकायतकर्ता शशि प्रसाद साव ने कही। झारखंड राज्य विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के प्रबंध निदेशक के निर्देश पर जांच करने पहुंचे विद्युत विभाग रांची के अधीक्षण अभियंता सुधांशु तथा उमेश प्रसाद प्रसाद ¨सह ने बारी-बारी से शिकायतकर्ता व गवाहों से पूछताछ की। शिकायतकर्ता ने कहा कि यहां कोई सुनने वाला नहीं है। यह तो संयोग है सामाजिक कार्यकर्ता आरती सिन्हा के जरिये डीसी से लेकर निगम के प्रबंध निदेशक तक पहुंचने में कामयाब हो सका। नहीं तो, मैं आज तक डीसी कार्यालय तक नहीं देखा था कि जामताड़ा में कहां है।

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शशि की जुबानी, घूस की कहानी

अधिकारियों को जानकारी देते हुए शशि प्रसाद साव ने कहा कि गत जून माह में जब रोजी-रोटी के लिए एक ग्रिल दुकान खोले तो थ्री फेज बिजली की आवश्यकता हुई। इस क्रम में कनीय अभियंता सीताराम चौतंबा से संपर्क किया। उनके निर्देश पर स्थानीय बिजली मिस्त्री रमेश मिस्त्री से संपर्क कर बिजली कनेक्शन के लिए 27 हजार रुपया दिया। उक्त राशि मिलने के बाद कनीय अभियंता ने एक रसीद देते हुए कहा कि तब तक बिजली का उपभोग करो और आगे की कार्रवाई होते रहेगी। कुछ दिन बाद जब पुन: कनीय अभियंता से कनेक्शन के बारे में पूछताछ की तो उन्होंने बताया कि और 25 हजार रुपया देना होगा तो आगे की कार्रवाई होगी। इस सिलसिले में शिकायतकर्ता ने जांच टीम को कनीय अभियंता से मोबाइल पर हुई बात का रिकार्ड भी सुनाया। कहा कि कुछ दिन बाद 4 जून को विद्युत अनुमंडल मिहिजाम के सहायक अभियंता प्रभाकर कुमार भी घर पर दस्तक दिया और कहा कि अवैध कनेक्शन से काम चल रहा है, इसलिए कनेक्शन काट रहे हैं। वे तार काट कर अपने साथ ले गए। जाते-जाते अभियंता ने अपना मोबाइल नंबर भी दिया और कहा कि शीघ्र उनके आवास पर आकर मिलो नहीं तो प्राथमिकी दर्ज करेंगे। शिकायतकर्ता सुबह में ही सहायक अभियंता के आवास पर जाकर भेंट किया तो उन्होंने तत्काल 60 हजार की व्यवस्था करने की पेशकश की, लेकिन तत्काल सहायक अभियंता को 5000 और फिर बाद में 10000 हजार रुपया दिया फिर भी वे नहीं माने। शिकायतकर्ता ने टीम के समक्ष न्याय की गुहार लगाते हुए ऐसे अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की।

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गवाहों ने क्या कहा

मौके पर सामाजिक कार्यकर्ता आरती सिन्हा ने भी घटना को सही ठहराते हुए कहा कि सर, यहां कोई सुनने वाला नहीं है। पूर्व के उपायुक्त शांतनु कुमार अग्रहरि से भी भेंट कर मामले की जानकारी दी थी तो उन्होंने मामले की जांच एनडीसी प्रवीण चौधरी से जांच थी। जांच में मामला सही निकला। इसी तरह मिहिजाम निवासी अधिक राम व वशीम ने भी बतौर गवाह अपनी बात टीम के समक्ष रखी और घटना को सही बताया।

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एमडी को सौंपी जाएगी जांच रिपोर्ट

इससे पूर्व टीम ने मंगलवार को तत्कालीन सहायक अभियंता प्रभाकर कुमार, कनीय अभियंता सीताराम चौतंबा, वर्तमान सहायक अभियंता एसके बक्शी से भी पूछताछ कर उनका पक्ष लिया। टीम में शामिल अधिकारी द्वय ने शिकायतकर्ता का ग्रिल दुकान जाकर भी स्थिति का जायजा लिया। मौके पर टीके सदस्य सह अधीक्षण अभियंता द्वय सुधांशु व उमेश प्रसाद ¨सह ने बताया कि जांच प्रतिवेदन झारखंड राज्य विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के प्रबंध निदेशक राहुल पुरवार के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा। इस संदर्भ में कुछ भी बताने से उन्होंने असमर्थता व्यक्त की। सुनवाई के दौरान विद्युत प्रमंडल जामताड़ा के कार्यपालक अभियंता अनूप कुमार बिहारी भी मौजूद थे।

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सहायक अभियंता के कारगुजारी से खिन्न दिखे अधिकारी

मिहिजाम विद्युत अनुमंडल के पूर्व सहायक अभियंता प्रभाकर कुमार की गाथा सुनकर अधिकारी भी खिन्न दिखे। अधिकारियों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि एक फ्रेशर लड़का की बतौर अधिकारी की कार्यशैली से काफी आहत हैं। उसे तो अभी काम करना चाहिए था, पता नहीं वह कैसे इस चक्कर में फंस गया। अधिकारियों का कहना था कि ये मामला पूरी तरह उसी का बनाया हुआ है। मौके पर उपभोक्ता परिचय कुमार ने कहा भी वे खुलेआम कहते थे कि प्रतिदिन धनबाद से मिहिजाम आता हूं, तो वाहन का खर्चा कौन देगा और वे ऐसे ही व्यवस्था करते थे।


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