एफटीओ बना मजदूरों के गले का फांस
संसू, जामताड़ा : गरीबों के हित के लिए राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना का क्रियान्वयन किया गया। पहले तो इस योजना का लाभ मजदूरों को मिला भी पर आज इसके नाम से मजदूर मुंह मोड़ लेते हैं। दरअसल मजदूर नगद मजदूरी ज्यादा पसंद करते हैं लेकिन काम करके महीनों मजदूरी के आस में डाकघर का चक्कर लगाना पसंद नहीं कर रहे हैं। जबकि ऐसी ही स्थिति सभी प्रखंडों में बनी हुई है। नतीजतन विगत दो महीने से जामताड़ा प्रखंड क्षेत्र के मनरेगा मजदूरों का मजदूरी अब तक भुगतान नहीं हो पाया है जबकि प्रखंड कार्यालय से विगत दो महीने में करीब पचास लाख मजदूरी फंड ट्रांसफर आर्डर के माध्यम से डाकघर को भेजी जा चुकी है। लेकिन डाकघर के वरीय पदाधिकारी द्वारा मनरेगा मजदूरों की राशि में रूचि नहीं लेने की वजह से आज प्रखंड क्षेत्र के करीब दस हजार मजदूर डाकघर के चक्कर लगा रहे हैं। इस संदर्भ में प्रखंड विकास पदाधिकारी अमित कुमार ने कहा कि पूर्व में फंड नहीं रहने की वजह से ऐसी समस्या उत्पन्न हुई थी। फंड मिलते ही सभी मजदूरों की राशि एफटीओ के माध्यम से भेज दी गई है। प्रखंड की ओर से किसी प्रकार का विलंब नहीं हुआ है। वहीं जब पोस्टल इंस्पेक्टर एस प्रधान से बात की गई तो उन्होंने बताया कि साफ्टवेयर में समस्या रहने के कारण मनरेगा मजदूरों का भुगतान नहीं हो पाया। अब ठीक हो चुका है एक सप्ताह के अंदर सभी एफटीओ पर भुगतान कर दिया जाएगा।