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अब दाल-भात चोखा पर भी आफत

By Edited By: Published: Mon, 22 Sep 2014 01:17 AM (IST)Updated: Mon, 22 Sep 2014 01:17 AM (IST)

जासं, जामताड़ा : एक तो पहले से ही हरी सब्जियों के दाम आसमान पर हैं। समय के साथ ही थाली से हरी सब्जियों की मात्रा घटती जा रही है। किसी तरह गरीब-गुरुवा दाल-भात चोखा खाकर गुजर-बसर कर रहे थे। अब उस पर भी आफत आने लगा है। पिछले कुछ दिन से जिस तरह आलू के दाम में वृद्धि हुई है उससे ऐसा लग रहा है कि बहुत जल्द आम लोगों के पहुंच से हरी सब्जियों के साथ आलू का साथ भी न छूट जाए। हालांकि, सब्जी विक्रेता आलू की बढ़ी हुई कीमतों को कृत्रिम कारण बता रहे हैं। जामताड़ा हटिया के सब्जी विक्रेता नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि जिले में आलू की आपूर्ति पश्चिम बंगाल राज्य से होती है। बंगाल में जहां आलू 15 से 17 रुपये किलो बिक रहा है। वहीं, जिले में आलू 26 से 28 रुपये किलो बिक रहा है। पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा पड़ोसी राज्यों के आलू की आयात पर सख्ती के कारण ऐसी स्थिति उत्पन्न हुई है। पूर्व में पश्चिम बंगाल सरकार ने आलू के राज्य में आयात पर प्रतिबंध लगा दिया था। जिसके फलस्वरूप बाजार में आलू की कीमतों में उछाल आया। बाद में झारखंड सरकार के दबाव में पश्चिम बंगाल सरकार ने इसमें थोड़ी ढील दी। लेकिन स्थिति अब भी पहले जैसी नहीं है। पश्चिम बंगाल सरकार के दबाव के कारण राज्य सीमा (बार्डर) पर आलू ट्रकों से पश्चिम बंगाल पुलिस उगाही कर रही है। आलू व्यवसायियों द्वारा इसका विरोध किए जाने पर आलू के ट्रकों को राज्य में प्रवेश के लिए काफी परेशानी करते हैं। जिसके कारण बाजार में आलू बढ़ी कीमतों पर बिक रहा है। कुछ तो पुलिस के अवैध वसूली से आलू के दाम में बढ़ोतरी है, तो कुछ बड़े व्यवसायियों के अधिक लाभ अर्जन को मांग के अनुरूप बाजार में आलू उपलब्ध नहीं करा रहे हैं। जिससे आलू के दाम बढ़े हुए हैं। जबकि इसी समय पिछले वर्ष आलू 12 से 16 रुपये किलो बिक रहा था। जहां तक हरी सब्जियों की बात है कि बारिश के समय सब्जी की आवक घट जाती है जिससे दाम बढ़ जाता है। हालांकि कुछ हरी सब्जियों के दाम में पिछले कुछ दिनों की तुलना में गिरावट आयी है।


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