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फिल्म 'काला पत्थर' की यादें हो गईं ताजा

जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : यूरेनियम कारपोरेशन ऑफ इंडिया की तुरामडीह माइंस में शनिवार

By Edited By: Published: Mon, 30 May 2016 03:11 AM (IST)Updated: Mon, 30 May 2016 03:11 AM (IST)
फिल्म 'काला पत्थर' की यादें हो गईं ताजा

जागरण संवाददाता, जमशेदपुर :

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यूरेनियम कारपोरेशन ऑफ इंडिया की तुरामडीह माइंस में शनिवार की सुबह 10 बजे पूर्व कार्यक्रम के तहत सेफ्टी मैनेजर सूर्यकांत सिंह समेत 12 लोगों की टीम 250-300 मीटर की गहराई पर तलहटी में जमे कचड़ा की सफाई कर रही थी। तभी वैसी घटना घटी जिसकी कल्पना भी किसी ने नहीं की थी। अचानक तेज रफ्तार से पानी की धार बहने लगी। खदान के अंदर लोगों पानी की धार से इधर-उधर बहने लगे। कोई सुरंग की दीवार से टकराया तो कोई अन्य किसी दूसरे तरीके से घायल हो गया। अभी तक एक की मौत होने व दो के घायल होने की सूचना है।

दैनिक जागरण की टीम ने हादसे में घायल कुछ लोगों से टीएमएच में बात की। घायल लोगों में से कई ने कहा कि शनिवार को उनलोगों को कई साल पहले आयी अमिताभ बच्चन की फिल्म काला पत्थर की याद ताजा हो गयी। फिल्म काला पत्थर में कोयले की खदान में दुर्घटना को फिल्माया गया था। इसमें दिखाया गया था कि रेसक्यू की टीम किस प्रकार काम करती है।

खदान के अंदर सफाई टीम के सदस्य बीएम राणा भी थे, जो टाटा मुख्य अस्पताल के वार्ड नंबर 4 ए के बेड नंबर 56 में भर्ती हैं। दैनिक जागरण से बातचीत करते हुए उन्होंने बताया कि अपनी आंखों के सामने से मौत को जाते देखा। राणा कहते हैं कि वह डम स्कूप व अन्य उपकरण के साथ सफाई अभियान में जुटे हुए थे, अचानक उनके सामने पानी की तेज धारा बहने लगी और उनकी आंखों के सामने अंधेरा छा गया। कुछ समझ में नहीं आया कि हो क्या रहा है? अचानक अंदर में चीख-पुकार की आवाज सुनाई देने लगी। तब समझते देर नहीं लगी कि अब उनका भी बचना मुश्किल है।

इसके बाद वे भी तेज रफ्तार से आए पानी के साथ मलबे की चपेट में आकर सुरंग की दीवार से टकरा गए। यह तो संयोग था कि रेसक्यू की टीम ने उनके साथ ही अन्य कर्मचारियों को बाहर निकालने में कामयाब हो गयी। वहीं टाटा मुख्य अस्पताल के बेड नंबर 18 पर इलाजरत तालसा निवासी सुखू हेम्ब्रम ने बताया कि वह अपने काम में लगे हुए थे। उन्हें क्या पता था कि कुछ ही समय में बड़ी घटना घटने वाली है। वे भी पानी की तेज धार के साथ दूर जा गिरे।

बेड नंबर 19 पर इलाजरत सत्येंद्र सिंह भी माइंस के अंदर से सही सलामत बचकर अपने परिजन के बीच थे। परिजनों को अपने बीच पाकर सत्येंद्र सिंह का खुशी का ठिकाना नहीं था। हालांकि एक कर्मचारी की मौत व दो के लापता होने की सूचना से मर्माहत भी थे।


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