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वेतन देने से टायो प्रबंधन ने खड़े किए हाथ

जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : टाटा स्टील लिमिटेड की अनुषंगी इकाई टायो रोल्स में कर्मचारिया

By Edited By: Published: Fri, 09 Dec 2016 03:08 AM (IST)Updated: Fri, 09 Dec 2016 03:08 AM (IST)
वेतन देने से टायो प्रबंधन ने खड़े किए हाथ

जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : टाटा स्टील लिमिटेड की अनुषंगी इकाई टायो रोल्स में कर्मचारियों का वेतन भुगतान करने से प्रबंधन ने हाथ खड़े कर दिए हैं। प्रबंधन ने कंपनी की वित्तीय स्थिति बेहद खराब होने का हवाला देते हुए कर्मचारियों से कहा है कि कंपनी के पास अभी पैसा नहीं है। इस वजह से हम तत्काल वेतन भुगतान नहीं करने जा रहे हैं। कंपनी में वर्तमान में 300 से ज्यादा कर्मचारी कार्यरत हैं। गुरुवार को टायो रोल्स के डीजीएम (एचआर एंड एडमिनिस्ट्रेशन) यशवंत पाडेय ने कुछ टायो कर्मचारियों को वेतन एवं अन्य मुद्दों पर बातचीत के लिए बुलाया था। इस दौरान कर्मचारियों ने अक्टूबर 2016 से लंबित वेतन और 2015 का बोनस भुगतान करने की मांग की। इस डीजीएम ने कहा कि कंपनी की वित्तीय स्थिति बेहद खराब है। कंपनी ने उत्पादन बंद होने के बाद जहा तक संभव हो सका, वेतन का भुगतान किया। वास्तव में कोई काम किये बगैर भी कर्मचारियों को कई माह तक वेतन दिया गया है। प्रतिदिन वित्तीय संकट गंभीर होता जा रहा है, ऐसे में कंपनी पर कर्मचारियों को मुआवजा और सुविधाएं देने के प्रावधानों को समाप्त करने का दबाव है। कंपनी के पास फंड नहीं है। पिछले कुछ महीनों से प्रबंधन कर्मचारियों से उनके और उनके दीर्घकालिक हितों को ध्यान में रखकर सूचित निर्णय लेने के लिए लगातार अपील कर रहा था। कर्मचारियों को सावधान किया गया था कि वे किसी प्रकार की अफवाहों या झूठे आश्वासन पर ध्यान न देकर स्वयं स्थिति को समझें। वर्तमान स्थिति में वीएसएस सर्वश्रेष्ठ विकल्प था। प्रबंधन के हाथ खड़े कर देने के बाद अब कर्मचारियों ने एक बार फिर उपश्रमायुक्त से गुहार लगाने की बात कही है।

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डर से प्लांट नहीं जा रहे अधिकारी

बैठक में डीजीएम ने दो दिसंबर को हुई घटना पर नाराजगी प्रकट की। कहा कि उक्त घटना के बाद से कई अधिकारियों ने डर के कारण प्लाट जाना बंद कर दिया है। पाडेय ने कर्मचारियों से कंपनी परिसर में सौहार्दपूर्ण स्थिति कायम रखने का आग्रह किया और किसी प्रकार की विधि व्यवस्था की स्थिति पैदा न करने के लिए सावधान किया। इस पर कर्मचारियों ने सहमति जताते हुए कहा कि अधिकारियों के प्लाट नहीं जाने से वे स्वयं भी असुविधा महसूस कर रहे हैं, क्योंकि उनका अवकाश और मेडिकल मामलों को मंजूरी देने वाला वहा कोई मौजूद नहीं होता है। उन्होंने पाडेय से संबंधित अधिकारियों को परिसर में उपस्थित रहने का आग्रह किया और आश्वस्त किया कि आगे कोई अप्रिय घटना नहीं होगी। यह भी आश्वासन दिया कि कैंटीन स्टॉफ और ट्रासपोर्टर जैसे सेवा प्रदाताओं को किसी प्रकार का कोई नुकसान नहीं पहुंचाया जायेगा। विदित हो कि 2 दिसंबर को चंद कर्मचारियों ने कुछ अधिकारियों एवं कंसल्टेंट्स को कंपनी के प्रशासनिक भवन में सुबह 11.30 से रात 8.45 बजे तक गैर-कानूनी तरीके से रोके रखा था। इससे बंधक बने कई लोगों को गंभीर शारीरिक एवं मानसिक नुकसान हुआ, क्योंकि उनमें कई लोगो को समय पर दवाई और भोजन नहीं मिला जिससे उनका स्वास्थ्य प्रभावित हुआ। पुलिस के हस्तक्षेप के बाद उन्हें बचाया गया था।


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