टाटा स्टील में कर्मचारी 61 साल उम्र तक करते रहेंगे नौकरी
टाटा स्टील में कर्मचारियों को पहले की तरह एक साल का मेडिकल एक्सटेंशन मिलता रहेगा।
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : टाटा स्टील में कर्मचारियों को पहले की तरह एक साल का मेडिकल एक्सटेंशन मिलता रहेगा। कंपनी प्रबंधन 60 साल पूरा करने वाले अपने कर्मचारियों को एक साल और मौका देने को तैयार हो गया है। टाटा स्टील जमशेदपुर वर्क्स, माइंस व कोलियारी के 30 हजार से ज्यादा कर्मचारियों की नजर मेडिकल एक्सटेंशन को लेकर प्रबंधन और टाटा वर्कर्स यूनियन के बीच चल रही वार्ता पर लगी हुई थी। शुक्रवार को वीपी एचआरएम सुरेश दत्त त्रिपाठी और टाटा वर्कर्स यूनियन अध्यक्ष आर. रवि प्रसाद के बीच लंबी वार्ता के बाद प्रबंधन इस सुविधा को जारी रखने पर राजी हो गया। शुक्रवार को शाम 4.30 बजे वीपी एचआरएम ने डिप्टी प्रेसिडेंट को बुलाकर फैसले की जानकारी दी। यूनियन महामंत्री बीके डिंडा शहर से बाहर थे। इस वजह से उन्हें फोन के जरिए सूचना दी गई। वार्ता सफल होने के बाद यूनियन अध्यक्ष ने सभी ऑफिस बियरर को फोन कर इसकी सूचना दी।
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हम मेडिकल एक्सटेंशन दे रहे, आप तीन माह में फाइनल करो आरओ : त्रिपाठी
टाटा स्टील प्रबंधन ने मेडिकल एक्सटेंशन की सुविधा को जारी रखने के साथ ही यूनियन नेतृत्व को लंबित री-ऑर्गनाइजेशन के प्रस्तावों पर तीन माह का लक्ष्य लेकर समझौते करने को कहा है। वीपी एचआरएम सुरेश दत्त त्रिपाठी ने वार्ता के दौरान अध्यक्ष आर रवि प्रसाद से कहा कि आरओ का प्रस्ताव लंबित रहने की वजह से टाटा स्टील की उत्पादकता प्रभावित हो रही है। उत्पादकता बढ़ाने के लिए आरओ फाइनल करना जरूरी है। आपकी बात हमने मान ली है। अब आप लोग तीन माह में आरओ फाइनल कर दें। यूनियन ने प्रबंधन को भरोसा दिलाया है कि सभी विभागों में आरओ फाइनल करने की पूरी कोशिश की जाएगी। यहां बता दें कि टाटा स्टील में ऑपरेशन, मेंटेनेंस व नॉन वर्क्स को मिलाकर करीब 46 विभागों में कर्मचारियों की संख्या निर्धारित करना बाकी है। कई विभागों में कर्मचारियों की संख्या आधा से भी कम करने का प्रस्ताव दिया गया है। ऐसे में यूनियन के लिए आरओ समझौता समय पर पूर्ण करना आसान नहीं होगा।
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5 माह से चल रही थी यूनियन-प्रबंधन में कशमकश
टाटा स्टील प्रबंधन ने पहली फरवरी से मेडिकल एक्सटेंशन के नियमों में संशोधन करते हुए संबंधित विभाग के वीपी को इसके लिए अधिकृत कर दिया था। जो कर्मचारी पूरी तरह फिट होंगे उन्हें ही मेडिकल एक्सटेंशन देने की बात प्रबंधन ने कही थी। मेडिकल एक्सटेंशन बंद होने की आशंका से कर्मचारी चिंता में पड़ गए थे। टाटा वर्कर्स यूनियन नेतृत्व पर इसको लेकर दोहरा दबाव था। यूनियन के दबाव में प्रबंधन हर माह किश्त में कर्मचारियों को मेडिकल एक्सटेंशन दे रहा था। 1 जून और इसके बाद रिटायर होने वाले कर्मचारियों के संबंध में 23 मई को यूनियन नेतृत्व और प्रबंधन के बीच वार्ता हुई। वार्ता में प्रबंधन ने मेडिकल एक्सटेंशन को भविष्य में बंद करने के संकेत दे दिए। 24 मई को जुबिन पालिया के साथ फिर बैठक हुई। कोई फैसला नहीं हुआ। 25 मई को महामंत्री बीके डिंडा निजी काम से कोलकाता निकल गए। प्रबंधन ने वार्ता के लिए भी नहीं बुलाया। मेडिकल एक्सटेंशन जैसे संवेदनशील मुद्दे को देखते हुए अध्यक्ष आर रवि प्रसाद ने अपने स्तर पर एमडी टीवी नरेंद्रन और वीपी एचआरएम से लगातार वार्ता जारी रखी। शुक्रवार को भी सुबह व दोपहर में वार्ता हुई। फिर खबर आई कि प्रबंधन मेडिकल एक्सटेंशन को पहले की तरह चालू रखने पर राजी हो गया है। हालांकि इस पर किसी तरह का कोई लिखित समझौता नहीं हुआ है।
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फिलहाल मेडिकल एक्सटेंशन चालू रहेगा। प्रबंधन ने टाटा स्टील की उत्पादकता बढ़ाने के लिए लंबित री-ऑर्गनाइजेशन के प्रस्ताव को तीन माह का लक्ष्य बनाकर फाइनल करने के लिए कहा है। यह कोई शर्त नहीं है।
-आर रवि प्रसाद, अध्यक्ष, टाटा वर्कर्स यूनियन।
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सभी ऑफिस बियरर, कमेटी मेंबरों और कर्मचारियों ने इस गंभीर मुद्दे पर धैर्य का परिचय दिया। अंतत: यूनियन पूर्वजों द्वारा दी गई सुविधा को चालू रखने में कामयाब रही। वर्क्स, टीजीएस, माइंस व कोलियारी के 30 हजार से ज्यादा मजदूरों की यह जीत है।
-संजीव कुमार चौधरी, डिप्टी प्रेसिडेंट, टीडब्ल्यूयू
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