टाटा स्टील के लिए कर्मचारियों का मेडिकल एक्सटेंशन बोझ
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : टाटा स्टील लिमिटेड में कर्मचारियों के मेडिकल एक्सटेंशन को ल
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : टाटा स्टील लिमिटेड में कर्मचारियों के मेडिकल एक्सटेंशन को लेकर कर्मचारियों में बेचैनी बढ़ी हुई है। जो कर्मचारी जनवरी में कंपनी से सेवानिवृत्त होने जा रहे हैं, खासकर वह बेसब्री से प्रबंध निदेशक के फैसले का इंतजार कर रहे हैं। वैसे, कंपनी में इस बात की चर्चा जोरों पर है कि इस बार भले ही टाटा वर्कर्स यूनियन की कोशिशों से मेडिकल एक्सटेंशन चालू हो जाए, लेकिन भविष्य में कंपनी इसे पूरी तरह से बंद कर देगी। 60 साल की उम्र पूरी होने के बाद स्वस्थ कर्मचारियों को एक साल का मेडिकल एक्सटेंशन दिया जाता है। इससे पहले स्वास्थ्य जांच के लिए मेडिकल बोर्ड का गठन होता है। यानि मेडिकल एक्सटेंशन पाने वाला कर्मचारी 60 की जगह 61 वर्ष की आयु में सेवानिवृत्त होता है। इससे कंपनी पर बेवजह का आर्थिक बोझ बढ़ रहा है। साल भर में औसतन 700 स्टील वेज के कर्मचारी सेवानिवृत्त होते हैं। अभी करीब-करीब 100 फीसद कर्मचारी एक साल के मेडिकल एक्सटेंशन का लाभ ले रहे हैं। इस हिसाब से कंपनी को साल भर में करोड़ों रुपए इस मद में भुगतान करने पड़ते हैं। स्टील क्षेत्र में आयी आर्थिक मंदी के बाद से शिखर-25 के सुझावों को अमल में लाया जा रहा है। बताया जा रहा है कि इसी में एक सुझाव कर्मचारियों के मेडिकल एक्सटेंशन को बंद करने का है। इसी को ध्यान में रखते हुए वरीय प्रबंधन ने पिछले साल मेडिकल एक्सटेंशन की रिपोर्टिग में बदलाव करते हुए हेड व चीफ को इसके लिए अधिकृत किया था। अब जनवरी 2017 से एक बार फिर रिपोर्टिग में संशोधन करते हुए संबंधित विभाग के वाइस प्रेसिडेंट को अधिकार दे दिए गए हैं। इस बदलाव के बाद से मेडिकल बोर्ड भी नहीं बैठा है। ऐसे में कर्मचारियों के मेडिकल एक्सटेंशन पर निर्णय नहीं हो पा रहा है। यहां बता दें कि टाटा स्टील की सब्सिडियरी जुस्को में कर्मचारियों के मेडिकल एक्सटेंशन को पूर्व में बंद किया जा चुका है।
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हम लोग प्रबंध निदेशक के लौटने का इंतजार कर रहे हैं। जब तक उनकी तरफ से कोई जवाब नहीं आ जाता, इस मामले में कुछ भी कहना मुश्किल है।
-आर रवि प्रसाद, अध्यक्ष, टाटा वर्कर्स यूनियन।