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अनहोनी का साया, सांसत में सरमाया

राजेश चौबे/मनतोष मंडल: घाटशिला : यहां हर पल अनहोनी का साया है। हाकिमों और बाबूओं की जान सांसत में है

By Edited By: Published: Sun, 28 Aug 2016 02:50 AM (IST)Updated: Sun, 28 Aug 2016 02:50 AM (IST)

राजेश चौबे/मनतोष मंडल: घाटशिला : यहां हर पल अनहोनी का साया है। हाकिमों और बाबूओं की जान सांसत में है। फाइलों से ज्यादा नजरें छत पर होती हैं। कब छत का हिस्सा टूटकर माथे पर गिर जाये और जान पर बन आये। ऐसा नहीं है कि छत का हिस्सा गिरता नहीं। दर्जनाधिक ऐसे मौके आये हैं। यह बात अलग है कि ऊपर वाले की मेहरबानी से जान सलामत रह गई। जी हां, बात हो रही है राजस्टेट स्थित अनुमंडल कार्यालय भवन की। इस भवन को काफी पहले जर्जर घोषित कर दिया गया। जाहिर तौर पर नये भवन की आवश्यकता महसूस की गई और एनएच के किनारे जमीन का चयन कर भवन निर्माण की प्रक्रिया शुरू हुई। हाकिम भी खुश और बाबू भी। चलो नये भवन में बैठकर काम करेंगे, जहां अनहोनी का साया नहीं होगा। नया भवन कब का तैयार हो गया, लेकिन मुसीबत अब भी यथावत है। नये भवन में कार्यालय शिफ्ट होने में तकनीकी पेंच फंसा है और यहां खतरे से खेलकर काम करने की मुसीबत गले लगी है। शुक्रवार को अवर निबंधन कार्यालय में छत का प्लास्टर टूट कर गिर गया तो शनिवार को भी हादसा टल गया। एसडीओ संतोष गर्ग के कक्ष से सटे स्थित जेनरेटर रूम में छत के प्लास्टर का एक बड़ा हिस्सा जमीन पर आ गिरा। संयोगवश जिस वक्त प्लास्टर का टुकड़ा गिरा उस समय कमरे में कोई नहीं था। अनुमंडल कार्यालय भवन की पूरी की पूरी छत जर्जर अवस्था में है और इसका हिस्सा टूटकर गिरता ही रहता है।

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राजा जगदीश चंद्र धवलदेव लगाते थे दरबार

घाटशिला अनुमंडल कार्यालय की स्थापना वर्ष 1982 में तत्कालीन उपायुक्त जीएस कंग ने की थी। लगभग 37 वर्षो से राजा के भवन में अनुमंडल कार्यालय चल रहा है। इस भवन के निर्माण की तारीख कोई पुख्ता तो नहीं बता पा रहा है, लेकिन स्थानीय पुराने लोग बताते हैं कि भवन आजादी के पूर्व से है। इस भवन में राजा जगदीश चंद्र धवलदेव प्रजा की समस्याओं को सुनते थे।

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कोर्ट में लंबी चली लड़ाई

अनुमंडल कार्यालय भवन की राजवाड़ी के रूप में ही ज्यादा पहचान है। इस भवन के देखने के लिए पश्चिम बंगाल से पर्यटक आते हैं। वर्ष 1982 में अनुमंडल की घोषणा होते ही राजवाड़ी का अनुमंडल कार्यालय के रूप में सरकार द्वारा उपयोग किया जाने लाग। राजा के परिजनों पर भवन पर सरकारी कब्जा किए जाने के विरूद्ध न्यायालय की शरण ली। न्यायालय से राजा के परिवार के पक्ष में फैसला आया। इसके बाद नया अनुमंडल कार्यालय के भवन निर्माण की प्रक्रिया शुरू हुई। धरमबहाल पंचायत के चुनूडीह किताडीह गांव के समीप एनएच 33 के पास कार्यालाय के भवन का निर्माण कराया गया है।

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कार्यालय में बैठते दो दर्जन से अधिक कर्मचारी व अधिकारी

अनुमंडल कार्यालय भवन में लगभग दो दर्जन से अधिक कर्मचारी व अधिकारी बैठते हैं। अनुमंडल पदाधिकारी संतोष कुमार गर्ग के अलावा कार्यापलक दंडाधिकरी देवेंद्र दास सहित सामान्य शाखा, आपूर्ति शाखा, राजस्व विभाग, निबंधन कार्यालय, गोपनीय शाखा, अनुमंडलीय न्यायालय के अलावा उप कोषागार का भी कार्य इसी भवन के बगल में है। अनुमंडल में सात प्रखंड होने के कारण लगभग प्रत्येक दिन 100-200 लोगों का आना जाना लगा रहा है।

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उपायुक्त के आदेश के बाद भी स्थानांतरित नहीं हुआ कार्यालय

उपायुक्त अमित कुमार ने पदभार ग्रहण करने के बाद पहली बार घाटशिला दौरे के क्रम में सर्वप्रथम अनुमंडल कार्यालय भवन का निरीक्षण कर आदेश दिया कि 15 अगस्त तक कार्यालय स्थानांतरित कर लें। उपायुक्त अपने प्रशिक्षण कार्यकाल में इसी कार्यालय में एसडीओ के पद पर पदस्थापित थे। कार्यालय भवन की स्थिति की उन्हें जानकारी भी थी। --------------------

कोट

भवन निर्माण विभाग द्वारा अब तक कार्य पूरा नहीं किए जाने के कारण हैंडओवर नहीं दिया गया है। विभाग को कई बार पत्र भेजकर कहा गया कि जल्द से जल्द भवन हैंडओवर करें। -संतोष गर्ग, एसडीओ, घाटशिला।


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