पोद्दार बंधु के 'डायरेक्टर' ने ही खोला राज
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : लोहा कारोबारी पवन पोद्दार, शरद पोद्दार व चिंटू भालोटिया के गा
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : लोहा कारोबारी पवन पोद्दार, शरद पोद्दार व चिंटू भालोटिया के गोलमाल की परत-दर-परत खुलने लगी है। अब आयकर विभाग ही नहीं, रोड परमिट घोटाले में भी फंस सकते हैं पोद्दार बंध व भालोटिया। आयकर विभाग की टीम ने पोद्दार बंधु के कंपनी में डायरेक्टर बने नितेश पांडेय का बयान कलमबंद किया है। नितेश के नाम पर 18 करोड़ से अधिक का कारोबार किया गया है। इसके एवज में नितेश को कुछ हजार रुपये दिए जाते थे। नितेश के नाम पर कई कंपनी वाणिज्य कर (सेल्स टैक्स) विभाग में रजिस्टर्ड है। इसका उपयोग बोकारो का गर्ग पोद्दार बंधु की कंपनी का माल बाहर भेजने में उपयोग करता था। शहर में एक दर्जन से अधिक ऐसे युवक हैं, जिनके नाम पर कंपनी रजिस्टर्ड है और उनके नाम पर कई कंपनियों का माल यहां से बाहर भेजा जा रहा है। कागजी कंपनी के नाम पर रोड परमिट जारी हो रहे हैं और उस कंपनी के नाम पर दूसरी कंपनी का माल बाहर भेजा जा रहा है।
आयकर विभाग ने पोद्दार बंधु व चिंटू भालोटिया के ठिकानों पर छापेमारी के दौरान पाया कि उनकी कंपनी का काम फर्जी दस्तावेज के आधार पर हो रहा है। कंपनी में कई स्टॉफ को डायरेक्टर बनाया गया है। इसी कड़ी में विपिन, नितेश, संजय, अजय समेत कई के बारे में जानकारी मिली थी। इनके बैंक एकाउंट का संचालन पोद्दार बंधु व भालोटिया द्वारा किया जा रहा था। विपिन के घर पर आयकर विभाग की टीम ने दबिश देकर उसके अनुपस्थिति में उसकी पत्नी रीता का बयान लिया था। शुक्रवार व शनिवार को नितेश पांडेय का आयकर विभाग के अधिकारियों के समक्ष बयान हुआ। नितेश का करीब दस घंटे तक बयान लिया गया। नितेश को अभी शहर में ही रहने के लिए कहा गया है।
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दस साल पहले जमशेदपुर आया था नितेश
आयकर विभाग के अधिकारियों को नितेश ने बताया कि करीब दस साल पहले वह हजारीबाग से जमशेदपुर रोजी-रोटी कमाने के लिए आया था। इसी क्रम में बोकारो के गर्ग से संपर्क हुआ, उसने नितेश को अपने साथ रख लिया। साकची पेनार रोड में नितेश को गर्ग ने अपने साथ रख लिया। 2006 में नितेश के नाम पर शुभलक्ष्मी इंटरप्राइजेज कंपनी खुली। सेल्स टैक्स से रोड परमिट हासिल की गई और वहां से शुरू हो गया खेल। नितेश को इस बात की भनक नहीं थी कि उसके नाम पर खोली गई कंपनी से क्या कारनामा हो रहा है। उसे महीने का खर्च मिल जाता था। चार महीने के बाद शुभलक्ष्मी का खाता बंद हो गया और सिद्धार्थ इंटरप्राइजेज के नाम पर नई कंपनी सेल्स टैक्स में रजिस्टर्ड हो गई। इस नाम पर परमिट हासिल की गई और पोद्दार बंधु के माल की सप्लाई शुरू हो गई। पिछले सात सात में गर्ग ने नितेश के साथ मानगो दयाल अपार्टमेंट, अर्जुन टावर, वाटिका ग्रीन सिटी में ठिकाना बदला। इस दौरान नितेश का कई फर्जी पहचान पत्र बनाकर पैन कार्ड बनाया गया और पैन कार्ड के आधार पर सेल्स टैक्स में रजिस्ट्रेशन कराया गया।
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पिछले वर्ष नितेश से हुआ था अनबन
जमशेदपुर : नितेश का पोद्दार बंधु से पिछले वर्ष अनबन हो गया था। उसे इस बात की भनक लग गई थी कि उनके नाम पर कुछ गलत हो रहा है, वर्ष 2014 में बजरंग नामक कंपनी को 50 लाख रुपये का भुगतान करना था। नितेश को जब पता चला कि उसके एकाउंट में इतनी मोटी रकम है और उसके एकाउंट का दुरुपयोग हो रहा है। इस अनबन के बाद नितेश का गर्ग के अलावा पोद्दार बंधु से संपर्क टूट गया। इसके बाद पोद्दार बंधु ने विपिन कुमार गिरि के नाम पर काम शुरू किया।
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सारा कुछ फर्जी
नितेश पांडेय ही नहीं सतीश, अमित, आनंद, प्रवीण कुमार सिंह समेत कई युवक हैं जिनके नाम पर कंपनी रजिस्टर्ड है और रोड परमिट हासिल करने के कुछ महीने के बाद उस कंपनी को बंद कर दिया जाता है। आयकर विभाग को कई ऐसे युवकों के नाम हाथ लगे हैं।