शोध के बिना शिक्षकों की नौकरी पर संकट : गोस्वामी
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : शोध शिक्षकों की पहचान है। अगर कॉलेज के शिक्षक शोध में रू
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : शोध शिक्षकों की पहचान है। अगर कॉलेज के शिक्षक शोध में रूचि नहीं ले रहे हैं तो आने वाले दिनों इन शिक्षकों की नौकरी भी जा सकती है। ये बातें शनिवार को जमशेदपुर वूमेंस कॉलेज में शोध की प्रक्रिया पर आयोजित राष्ट्रीय कार्यशाला को संबोधित करते हुए उद्घाटन सत्र के मुख्य अतिथि एनएमएल के कार्यकारी निदेशक डॉ. एनजी गोस्वामी ने कहीं। सात दिवसीय कार्यशाला के पहले दिन उन्होंने कहा कि शोध करने से उपाधि तो मिलती ही है, सम्मान भी मिलता है। शोध करने से हम चुनौतियों का सामना करने में सक्षम बनते हैं। यह तभी संभव है जब शोध कार्य गुणवत्तापूर्ण हो। उन्होंने बताया कि एनएमएल का उद्देश्य शोध ही है। अपने संबोधन के क्रम में उन्होंने पॉवर प्वाइंट प्रजेंटेशन के माध्यम से रिसर्च मैथेडोलॉजी, टूल एंड टेक्निक्स की भी जानकारी दी।
इससे पूर्व डॉ. गोस्वामी, विशिष्ट अतिथि एक्सएलआरआइ के फादर ओसवर्ल्ड, कोल्हान विश्वविद्यालय के डीएसडब्ल्यू प्रो. एके उपाध्याय व अन्य ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर कार्यशाला का उदघाटन किया। फादर ओसवर्ल्ड ने क्वाटिटेटिव व क्वालिटेटिव रिसर्च पर चर्चा की। प्राचार्या डॉ. शुक्ला महंती ने स्वागत भाषण किया। कार्यशाला की निदेशक व कॉमर्स एंड मैनेजमेंट विभाग की डीन डॉ. दीपा शरण ने विषय प्रवेश कराया। शिक्षिका तंद्रा मुखर्जी व छात्राओं ने स्वागत गान किया। उदघाटन सत्र का संचालन डॉ. नुपूर मिंज व रश्मि चावला तथा शिक्षक डॉ. डीके पाडेय ने धन्यवाद ज्ञापन किया। इस अवसर पर प्रोफेसर इंचार्ज डॉ. पूर्णिमा कुमार, डॉ. मुदिता चंद्रा, भारती वाष्र्णेय, श्वेता प्रसाद, चैताली बोस, डॉ. पियाली विश्वास, छगन अग्रवाल, नाजिया परवीन, अशोक रवानी, डॉ. मीना कुमारी समेत कई शिक्षक उपस्थित थे।
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कॉपी पेस्ट से गुणवत्तापूर्ण शोध नहीं हो सकता
कॉपी पेस्ट से गुणवत्तापूर्ण शोध नहीं हो सकता। अगर आप कोई चीज का कोट नेट से ले रहे हैं उस कोट के शख्स व कंपनी का नाम अवश्य रिसर्च में लिखें। ये बातें एक्सएलआरआइ के प्रोफेसर प्रबाल सेन ने वूमेंस कॉलेज में शोध प्रक्रिया पर राष्ट्रीय कार्यशाला को संबोधित करते हुए कहीं। डॉ. सेन ने क्वाटिटेटिव नहीं बल्कि क्वालिटेटिव रिसर्च पर जोर देने को कहा। द्वितीय सत्र में ग्रेजुएट कॉलेज की प्रभारी प्राचार्या डॉ उषा शुक्ल ने भी अपने विचार रखे।