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गुड़ाबांदा की सिसकती ¨जदगी पर विकास का मरहम

मुरारी प्रसाद ¨सह/भुदवे मार्डी : कभी नक्सलियों के घोर प्रभाव में रहा गुड़ाबांदा उनके खा

By JagranEdited By: Published: Sun, 26 Mar 2017 02:47 AM (IST)Updated: Sun, 26 Mar 2017 02:47 AM (IST)
गुड़ाबांदा की सिसकती ¨जदगी पर विकास का मरहम
गुड़ाबांदा की सिसकती ¨जदगी पर विकास का मरहम

मुरारी प्रसाद ¨सह/भुदवे मार्डी : कभी नक्सलियों के घोर प्रभाव में रहा गुड़ाबांदा उनके खात्मे के बाद अंधेरे से उजाले की ओर बढ़ रहा है। गुड़ाबांदा क्षेत्र अब नक्सल मुक्त है। सरकार की कोशिश इसे फिर से नहीं पनपने देने की है। इसी उद्देश्य को लेकर क्षेत्र के सर्वागीण विकास का खाका तैयार किया गया है। सरकार अब लोगों के घर घर जाकर उनकी समस्या को सुनेगी और त्वरित समाधान करेगी। यह कहना है झारखण्ड सरकार की मुख्य सचिव राजबाला वर्मा का। शनिवार को गुड़ाबांदा के गुड़ा पिकेट में जिला प्रशासन द्वारा गुड़ाबांदा एक्शन प्लान के तहत आयोजित गरीब कल्याण मेला में ग्रामीणों की भीड़ देखकर मुख्य सचिव काफी गदगद थी। सरकार के विकास और समस्या हुई। स्वयं ग्रामीणों की समस्या संबंधी आवेदन बढ़ कर लिया और मौके पर अधिकारियों को समाधान का निर्देश दिया। राज्य सरकार की 13 फोकस एरिया डेवलपमेंट प्लान के तहत जिले के अति पिछड़ा एवं नक्सल प्रभावित क्षेत्र गुड़ाबांदा, डुमरिया, धालभूमगढ़, घाटशिला, पटमदा के 19 पंचायत क्षेत्र के चिह्नित 30 गांवों के विकास की शुरुआत कर दी गयी है। माओवादियों के गढ़ वाले गांवों में जहां सरकारी तंत्र के नाम पर कभी-कभार पुलिस जवान और सरकारी अधिकारी दिखते थे, शनिवार को राज्य सरकार के तमाम विभाग के आला अधिकारी और जिला प्रशासन की पूरी टीम मौजुद रही। सरेंडर कर चुके नक्सली कान्हू मुंडा के गांव जियान के बिहारी मुंडा, गांगी मुंडा, रुईबारी मुंडा,अल्प देवी, शोबती मुंडा, अहल मुंडा, सोमली देवी,महेशपुर के कंदा मार्डी, रामो मुंडा, सायबा हेम्ब्रम आदि का पेंशन स्वीकृत किया गया है।


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