सोशल मीडिया पर गंगा को आर्थिक सहायता देने की छिड़ी मुहिम, जानिए कौन है गंगा
Social media. एथेंस स्पेशल ओलंपिक में गोल्ड दिलानेवाली जमशेदपुर की गंगा को आर्थिक मदद देने के लिए सोशल मीडिया पर लोग आगे आने लगे हैं।
जमशेदपुर, जागरण संवाददाता। एथेंस स्पेशल ओलंपिक में गोल्ड दिलानेवाली जमशेदपुर की गंगा को आर्थिक मदद देने के लिए सोशल मीडिया पर लोग आगे आने लगे हैं। दैनिक जागरण में बुधवार के अंक में गोल्ड लानेवाली गंगा बना रही कागज का ठोंगा शीर्षक से समाचार प्रकाशित होने के बाद गंगा को सोशल मीडिया पर सहायता देने की मुहिम शुरू हो चुकी है। रांची के ज्योति शर्मा ने ट्विटर पर अपने पोस्ट में गंगा को सरकारी मदद नहीं मिलने पर खेद जताते हुए मदद के लिए आगे आने की अपील की है। उन्होंने केंद्रीय खेल मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ से इसके लिए गुहार लगाई है।
एथेंस स्पेशल ओलंपिक्स में गंगा ने दिलाया था गोल्ड
वर्ष 2011 में एथेंस में हुए स्पेशल ओलंपिक्स वल्र्ड समर गेम्स में भारतीय दल का प्रतिनिधित्व करते हुए गंगाबाई ने देश के लिए गोल्ड व सिल्वर मेडल जीता था। जन्म से ही मूक-बधिर यह खिलाड़ी ठोंगा (कागज का पैकेट) और थैला बनाकर जीवन यापन कर रही है। जमशेदपुर में विशेष बच्चों के लिए बनाए गए स्कूल ऑफ होप में रह कर खुद को इस कदर तराशा कि खेल जगत में शीर्ष उपलब्धि अर्जित की। शहर के सोनारी मोहल्ले में रहनेवाली इस बहादुर बिटिया ने स्पेशल बच्चों के लिए आयोजित राष्ट्रीय चैंपियनशिप में बेहतरीन प्रदर्शन कर कई पुरस्कार जीते।
इन्होंने दिया था कागज का थैला बनाने का प्रशिक्षण
स्वयंसेवी संस्था जीविका से जुड़े अवतार सिंह ने गंगाबाई की प्रतिभा को पहचाना और उसे कागज का थैला व ठोंगा बनाने का प्रशिक्षण दिया। खेल के साथ-साथ अपनी भावनाओं को कैनवास पर उकेरने वाली गंगाबाई शानदार पेंटिंग भी बनाती हैं। उनकी एक पेंटिंग को टाटा स्टील ने अपने वार्षिक कैलेंडर में भी स्थान दिया था। उसके कंधे पर ही 75 साल के पिता सोहनलाल, मां दुगधी देवी और एक छोटे भाई की जिम्मेदारी है जिसे वह बखूबी निभा रही है। केंद्र या राज्य सरकार से गंगा को कोई मदद नहीं मिल सकी।