भागवत कथा के अंतिम दिन उमड़ी भीड़
टेल्को राम मंदिर में सात दिनों तक चला आयोजन जमशेदपुर : हर वस्तु की प्राप्ति के साथ वियोग भी है। हर
टेल्को राम मंदिर में सात दिनों तक चला आयोजन
जमशेदपुर : हर वस्तु की प्राप्ति के साथ वियोग भी है। हर एक समय मनुष्य की भक्ति करना जीवन का मूल उदेश्य होना चाहिए। सासारिक कार्य करने के बाद पश्चाताप हो सकता है, परंतु ईश्वरीय भक्ति साधना, ध्यान व परोपकार के पश्चात पश्चाताप नहीं आनंद व आत्म संतोष की अनुभूति प्राप्त होती है। उक्त बातें पंचवटी रामायण कीर्तन संघ के सहयोगार्थ टेल्को श्रीराम मंदिर प्रागण में आयोजित सात दिवसीय भागवत कथा के अंतिम दिन कथावाचक व्यास नरेंद्र रामदास ने कहीं। भागवत कथा के अंतिम दिन सोमवार को महाआरती के बाद भोग वितरण किया गया जिसमें हजारों श्रद्धालुओं ने हिस्सा लिया। व्यास ने कहा कि अमृत से मीठा अगर कुछ है तो वह भगवान का नाम है। परमात्मा सत्यता के मार्ग पर प्राप्त होते हैं। मन, बुद्धि, इंद्रियों की वासना को समाप्त करना है तो हृदय में परमात्मा की भक्ति का दीप जलाना पड़ेगा। ईश्वर का प्रतिरूप ही परोपकार है।
कथावाचक नरेंद्र रामदास ने कथा के अंतिम दिन सूकदेव द्वारा राजा परीक्षित को सुनाई गई श्रीमद्भागवत कथा को पूर्णता प्रदान करते हुए कथा में विभिन्न प्रसंगों का वर्णन किया। मौके पर भाजपा नेता दिनेश कुमार, भोजपुरी नवचेतना मंच के अप्पू तिवारी, अंकित आनंद, विश्वजीत पांडेय, निर्मल दीक्षित समेत अन्य मौजूद थे। वहीं आयोजन को सफ ल बनाने में संघ के राधेश्याम पांडेय, विजय पांडेय, मनोज प्रसाद आदि का सराहनीय योगदान रहा।