खतरे में सबर, रुबनी का कुछ अता-पता नहीं
संवाद सहयोगी, जमशेदपुर : महात्मा गांधी मेमोरियल (एमजीएम) मेडिकल कॉलेज अस्पताल में शुक्रवार को तीन मं
संवाद सहयोगी, जमशेदपुर : महात्मा गांधी मेमोरियल (एमजीएम) मेडिकल कॉलेज अस्पताल में शुक्रवार को तीन मंजिल से कूदकर आत्महत्या करने की कोशिश करने वाली रुबनी सबर का कुछ आता-पता नहीं है। इससे अस्पताल में हड़कंप मच गया है। बीते 26 जनवरी से अस्पताल में भर्ती रुबनी कहां गई, इसकी जानकारी न तो प्रबंधन दे पा रहा है और ना ही पुलिस। शनिवार की सुबह महिला का पति गुरुचरण सबर भी अस्पताल में रुबनी को दिनभर खोजता रहा लेकिन कुछ पता नहीं चला। पटमदा प्रखंड के गोबरघुसी निवासी रुबनी सबर को बुखार की शिकायत पर एमजीएम में भर्ती कराया गया था। जांच में मलेरिया की पुष्टि होने पर उसका इलाज अस्पताल के तीन मंजिल पर स्थित मेडिकल वार्ड में चल ही रहा था कि शुक्रवार की सुबह करीब साढ़े नौ बजे रुबनी वार्ड से कूद गई, जिसमें उसकी जान तो बच गई लेकिन महिला की मानसिक स्थिति को देखते हुए उसे इमरजेंसी वार्ड में भर्ती किया गया। चिकित्सक उसे मनोचिकित्सक से दिखाने पर विचार कर रहे थे कि इसी बीच रुबनी वार्ड से गायब हो गई। अस्पताल प्रबंधन ने इसकी सूचना पुलिस को दी है। --------------
लापता मरीजों की बढ़ रही संख्या
एमजीएम अस्पताल से मरीजों के लापता होने की घटनाएं बढ़ रही हैं। इससे सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठ रहे हैं। इलाज के दौरान बिना डॉक्टरी सलाह के मरीज लापता हो जाते हैं। ऐसे मरीजों को लामा कहा जाता है।
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एमजीएम अस्पताल से लामा मरीज
- 15 जुलाई 2015 : सर्जिकल वार्ड से पुलिस कस्टडी में इलाज करवा रहा एक कैदी फरार हो गया।
- 9 अगस्त 2015 : मेडिसीन वार्ड में भर्ती संतोष गुप्ता इलाज के क्रम में गायब हो गए थे। इसके बाद उसकी पत्नी कई दिनों तक खोजते रही।
- 14 दिसंबर 2014 : हड्डी रोग विभाग से एक मरीज गायब हो गया था। इसके बाद उसकी हत्या हो गई थी।
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तीन और सबरों का चल रहा इलाज
एमजीएम अस्पताल में एक जनवरी से अबतक करीब 27 सबर मरीज इलाज को पहुंचे, जिसमें तीन भर्ती हैं। सर्जरी वार्ड में भर्ती टेंपा सबर व अनिल सबर के पैर में जख्म है। वहीं मेडिसीन वार्ड में धनपति सबर का इलाज चल रहा है। इन मरीजों को विशेष देखरेख की जरूरत है।
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'अस्पताल में सुरक्षा कर्मी होने के बावजूद मरीज लापता हो जा रहा है या भाग जा रहा है तो यह गंभीर बात है। दो-तीन दिनों के अंदर इसकी समीक्षा होगी और उचित कदम उठाए जाएंगे।'
- डॉ. एके सिंह
उपाधीक्षक, एमजीएम
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