कांग्रेस का भाजपा से गुप्त समझौता : प्रदीप
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : कम से कम झारखंड में कांग्रेस का रवैया इस बात का संकेत देता है कि उसका भा
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : कम से कम झारखंड में कांग्रेस का रवैया इस बात का संकेत देता है कि उसका भाजपा से गुप्त समझौता है। यदि ऐसा नहीं होता तो पिछले विधानसभा चुनाव में गैर-भाजपा दलों का महागठबंधन हो जाता। ये बातें झारखंड विकास मोर्चा के विधायक दल के नेता प्रदीप यादव ने बुधवार को कहीं। परिसदन में पत्रकारों से बातचीत में यादव ने कहा कि लोहरदगा के लिए झाविमो ने सबसे पहले बंधु तिर्की को अपना उम्मीदवार तय कर दिया था, इसके बाद कांग्रेस ने प्रदेश अध्यक्ष सुखदेव भगत का नामांकन कराया। ऐसा इसलिए किया गया कि एनडीए के उम्मीदवार की जीत सुनिश्चित हो सके, लेकिन ऐसा होगा नहीं। यही नहीं, पिछले विधानसभा चुनाव में भी झाविमो महागठबंधन के प्रयास में लगा था, लेकिन कांग्रेस के ही कुछ नेताओं ने नहीं होने दिया। बहरहाल अब जो भी हो, झाविमो की पूरी टीम मजबूती के साथ लोहरदगा सीट जीतने के लिए पूरे दमखम के साथ लड़ेगी। झारखंड मुक्ति मोर्चा की बात पर यादव ने कहा कि झामुमो जिम्मेदार विपक्ष की भूमिका ठीक से नहीं निभा रहा है। सरकार की खामियों पर मूकदर्शक बना हुआ है। उनकी समझ से झामुमो इस बात से डर रहा है कि मौजूदा सरकार के खिलाफ आवाज उठाएंगे, तो पिछली सरकार की करतूतें भी उजागर हो सकती हैं। चूंकि इससे पहले झामुमो के नेतृत्व में ही सरकार थी, इसलिए वह अपनी कमजोरियों को छिपाने के लिए मौजूदा सरकार के खिलाफ आक्रामक नहीं हो पा रही है। जहां तक मौजूदा सरकार की बात है, तो यह सिर्फ घोषणाएं करने और हवाई किला बनाने में व्यस्त है। ना तो इस सरकार ने अब तक स्थानीयता नीति पर कोई निर्णय लिया, ना यहां के लोगों को मालिकाना हक दिया। चुनाव से पहले इनके नेता सरकार बनने के तीन माह में इसे धरातल पर उतारने का दावा कर रहे थे, हकीकत क्या है, सबके सामने है। दूसरी ओर भ्रष्टाचार का खात्मा करने का ढोल पीटने वाली सरकार भ्रष्टाचारियों को ही साथ लेकर चल रही है। इसमें प्रधान सचिव संजय कुमार भी हैं, जिन पर भ्रष्टाचार का मामला पटना में चल रहा है। इनके अलावा अन्य लोग भी हैं जो सरकार के नीति-नियंता बने हुए हैं।