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महंगा हो सकता शहर का पानी

जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : जमशेदपुर की जुगसलाई, मानगो और मोहरदा जलापूर्ति योजनाएं जल्द ही पीपीपी मो

By Edited By: Published: Thu, 26 Nov 2015 01:00 AM (IST)Updated: Thu, 26 Nov 2015 01:00 AM (IST)
महंगा हो सकता शहर का पानी

जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : जमशेदपुर की जुगसलाई, मानगो और मोहरदा जलापूर्ति योजनाएं जल्द ही पीपीपी मोड पर चलेंगी। इसे चलाने के लिए प्राइवेट पार्टनर खोजने को बाकायदा टेंडर किया जाएगा। पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के प्रधान सचिव अमरेंद्र प्रताप सिंह ने यह जानकारी चमरिया गेस्ट हाउस में दी। माना जा रहा है कि पीपीपी मोड पर जाने के बाद शहर में जल टैक्स महंगा हो जाएगा क्योंकि जो कंपनी जलापूर्ति करेगी, वह गुणवत्तापूर्ण जलापूर्ति के लिए जल कर की दर में इजाफा कर सकती है। बहरहाल, पीपीपी मोड पर जाने के बाद जलापूर्ति की गुणवत्ता भी बेहतर होगी। नगर विकास विभाग ने पीपीपी मोड का जो खाका तैयार किया है उसके तहत इन योजनाओं से जुस्को जैसी गुणवत्ता के पानी की सप्लाई होने की बात है। गौरतलब है कि मोहरदा, जुगसलाई और मानगो जलापूर्ति योजनाओं को चलाने के लिए सरकार पहले से ही जुस्को के संपर्क में है।

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फिलहाल, इन जलापूर्ति योजनाओं का मेंटेनेंस अभी भी संवेदकों के हाथ में ही है लेकिन अब पूरी योजनाओं का संचालन ही पीपीपी मोड पर होगा। प्रधान सचिव ने बताया कि अब जो भी योजनाएं नगर विकास विभाग को हैंड ओवर की जा रही हैं, सब पीपीपी मोड पर ही चलाई जाएंगी। इसके तहत, जुगसलाई, मानगो और मोहरदा को भी पीपीपी मोड पर चलाने का ब्लू प्रिंट तैयार हो चुका है। इन योजनाओं को चलाने की स्थायी व्यवस्था नगर विकास विभाग को ही करनी है।

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तय हो गया मेंटेंनेंस खर्च का पैमाना

प्रधान सचिव ने बताया कि शहरी इलाके की जलापूर्ति योजनाओं में मरम्मत के खर्च का पैमाना सरकार ने तय कर दिया है। यह पैमाना जलापूर्ति के हिसाब से तय किया गया है। जो जितनी जलापूर्ति करते हैं उसी के हिसाब से मरम्मत पर खर्च कर सकेंगे। यह पैमाना बिजली के खर्च को छोड़ कर दो रुपये प्रति किलोलीटर तय किया गया है। शहरी जलापूर्ति योजनाओं में खर्च इसी रेट के आसपास होगा। पहले शहरी जलापूर्ति योजनाओं पर पांच से आठ रुपये प्रति किलोलीटर तक खर्च होता था।


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