शोध-अनुसंधान
दिमाग तक पेट भरने की सूचना पहुंचाते हैं बैक्टीरिया दिमाग तक पेट भरने की जानकारी पहुंचाने में पेट क
दिमाग तक पेट भरने की सूचना पहुंचाते हैं बैक्टीरिया
दिमाग तक पेट भरने की जानकारी पहुंचाने में पेट के बैक्टीरिया की बड़ी भूमिका सामने आई है। ताजा शोध के मुताबिक, खाने के 20 मिनट बाद ये बैक्टीरिया ऐसे प्रोटीन बनाते हैं जो दिमाग में भूख को नियंत्रित करने वाले न्यूरॉन को सक्रिय कर देता है।
फ्रांस स्थित रॉवेन यूनिवर्सिटी के शोधकर्ता सर्गुई फेटिसोव ने कहा, 'कुछ हार्मोस बनाकर बैक्टीरिया भूख नियंत्रित करने की प्रक्रिया में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इसके अलावा पेट के बैक्टीरिया ऐसे प्रोटीन बनाते हैं, जो खून में ज्यादा समय तक रहते हैं और दिमाग को प्रभावित करते हैं।' शोधकर्ताओं ने पाया कि खाने से पहले और खाने के बाद बैक्टीरिया अलग-अलग प्रोटीन बनाते हैं। प्रयोग के दौरान चूहों को जब खाने के बाद बनने वाले प्रोटीन अलग से दिए गए तो भूखे होने के बाद भी उनकी खुराक कम हो गई। (आइएएनएस)
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बच्चे के जन्म से पिता पर भी पड़ता है असर
बच्चे के जन्म से जुड़ी बेचैनी को लेकर एक चौंकाने वाली बात सामने आई है। ताजा शोध के मुताबिक यह व्यग्रता और बेचैनी प्रसवोपरांत होने वाले अवसाद जैसी ही आम परेशानी है और यह पुरुषों में भी उतनी ही आम है, जितनी महिलाओं में।
शोधकर्ताओं ने 43 अलग-अलग अध्ययनों में पाया कि बच्चे के जन्म के पहले और उसके बाद दस में से एक पिता को बेचैनी या व्यग्रता की स्थिति से दो-चार होना पड़ता है। ऑस्ट्रेलियन नेशनल यूनिवर्सिटी की शोधकर्ता लियाना लीच ने कहा, 'बच्चे के जन्म के वक्त तमाम अभिभावकों को सामंजस्य बिठाना पड़ता है और ऐसे में थोड़ी व्याकुलता सामान्य सी बात है। लेकिन अगर किसी को इस स्थिति में बेचैनी होने लगे और यह स्थिति लंबे समय तक बनी रहे तो बड़ी परेशानी हो सकती है।' उन्होंने कहा कि आमतौर पर पिता को इस सबसे अलग माना जाता है, लेकिन शोध में पिता पर भी इस स्थिति का गहरा प्रभाव देखा गया। (आइएएनएस)