पीएफ काटा पांच साल का , जमा किया पांच माह का
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : झारखंड असंगठित मजदूर यूनियन की लड़ाई ने यह साबित कर दिया कि मेहनत की कम
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर :
झारखंड असंगठित मजदूर यूनियन की लड़ाई ने यह साबित कर दिया कि मेहनत की कमाई का कैसे गबन किया जाता है। यूनियन ने 14 मजदूरों के लिए लड़ाई लड़ी, तो करीब एक साल में सफलता भी हासिल कर ली। विभाग ने 15 दिन में 8,88,112 रुपये जमा करने का आदेश दिया है। ये मजदूर टाटा स्टील में ठेका मजदूर के रूप में कार्यरत थे, जिनके वेतन से पांच साल तक प्रतिमाह भविष्य निधि (पीएफ) का अंशदान काटा गया, लेकिन विभाग में सिर्फ पांच माह की राशि जमा की गई। दिल्ली तक पत्राचार करने के बाद भविष्य निधि आयुक्त के जमशेदपुर कार्यालय ने अब इन मजदूरों का बकाया राशि 15 दिन के अंदर जमा करने का आदेश दिया है। यूनियन के महासचिव सपन घोषाल ने रविवार को संवाददाता सम्मेलन में बताया कि इनमें से एक खोराना इंजीनिय¨रग का था, जबकि 13 कामगार कॉस्मोस इंटरप्राइजेज के थे। कॉस्मोस इंटरप्राइजेज ने तो 14 में से नौ कामगारों का पांच वर्ष में मात्र पांच माह का पैसा भविष्य निधि विभाग में जमा किया, जबकि पांच कामगारों का एक भी पैसा जमा नहीं किया। कामगारों द्वारा मुख्य निर्देशक, सतर्कता मुख्यालय, नई दिल्ली को शिकायत करने पर भविष्य निधि विभाग के जमशेदपुर कार्यालय ने कॉस्मोस इंटरप्राइजेज के मजदूरों का 8,55,118 रुपये व खोराना इंजीनिय¨रग के मजदूर का 32,996 रुपये जमा करने का निर्देश दिया है। घोषाल ने बताया कि यह कार्य कंपनी व भविष्य निधि कार्यालय के अधिकारियों की मिलीभगत से किया जाता है। मजदूर भविष्य निधि से संबंधित कोई दावा नहीं कर सकें, इसके लिए कामगारों को सही-सही हाजिरी कार्ड नहीं दिया जाता है। घोषाल ने कहा कि टाटा स्टील में करीब 30,000 ठेका मजदूर स्थायी प्रवृत्ति का कार्य करते हैं, उनका दावा है कि इनमें से 80 प्रतिशत मजदूरों के साथ इसी तरह का घोटाला किया जा रहा है। यूनियन भविष्य निधि विभाग से मांग करती है कि टाटा स्टील से संबद्ध ठेकेदारों का 10 साल का रिकार्ड खंगाला जाए, ताकि गरीब मजदूरों को उनकी खून-पसीने की कमाई मिल सके।
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अभी मामले की जानकारी नहीं मिली है। आदेश का अध्ययन करने के बाद कार्रवाई की जाएगी।
- अमरेश सिन्हा, हेड, टाटा स्टील (कारपोरेट कम्यूनिकेशन)