बोनस पर खंगाले जा रहे पुराने समझौते
-आर. रवि प्रसाद के लिए होगा पहला बोनस समझौता जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : टाटा स्टील में बोनस को ले
-आर. रवि प्रसाद के लिए होगा पहला बोनस समझौता
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : टाटा स्टील में बोनस को लेकर टाटा वर्कर्स यूनियन और कंपनी प्रबंधन के बीच वार्ता का दौर शुरू हो गया है। पहली बैठक में बोनस पर प्रबंधन के नकारात्मक रुख को देखकर अब कर्मचारियों की नजर अगली बैठक पर है। इसकी पूरी उम्मीद है कि बोनस पर दूसरी बैठक बहुत जल्द होगी। दूसरी बैठक में बेहतर बोनस को लेकर प्रबंधन पर दबाव बनाया जा सके, इसको लेकर यूनियन के टॉप थ्री, अध्यक्ष आर रवि प्रसाद, डिप्टी प्रेसिडेंट एसके चौधरी और महासचिव बीके डिंडा मंथन करने में लगे हुए हैं। चूंकि आर रवि प्रसाद के नेतृत्व में यह पहला बोनस समझौता होगा, इसलिए वह ऐसा कोई कदम नहीं उठाना चाहते जिससे कर्मचारियों को आर्थिक नुकसान उठाना पड़े। यही वजह है कि यूनियन अधिकारी पूर्व में हुए बोनस समझौतों का गहन अध्ययन तो कर ही रहें हैं, साथ ही साथ दूसरी बड़ी कंपनियों के बोनस समझौते पर भी नजर रख रहे हैं। हालांकि कंपनी की स्थिति को देखते हुए उनके लिए बेहतर बोनस को लेकर प्रबंधन पर दबाव बनाना काफी मुश्किल साबित हो रहा है।
------------------
वर्ष 2013 में कम मुनाफा के बावजूद मिला था अच्छा बोनस
टाटा स्टील में बोनस को लेकर तीन साल का समझौता होता है। पिछले फार्मूले के मुताबिक कंपनी के मुनाफा (टैक्स के भुगतान के बाद और देनदारिया के समाप्त होने के बाद) का 2.95 फीसद बोनस कर्मचारियों को दिया गया। कर्मचारियों का कहना है कि वित्तीय वर्ष 2012-13 की तरह ही इस बार भी कंपनी को ज्यादा मुनाफा नहीं हुआ है। उस समय मुनाफा के 2.95 फीसद के तहत 148.90 करोड़ रुपये ही बोनस के मद में दिया जा रहा था लेकिन बाद में 31.60 करोड़ रुपये अतिरिक्त देकर बोनस राशि 180.50 करोड़ रुपये कर दी गई थी। यह राशि जुड़ जाने के बाद बोनस की राशि 16.01 फीसद हो गई थी। कर्मचारियों को यूनियन और प्रबंधन पर पूरा भरोसा है कि इस बार भी बीच का रास्ता निकालकर उन्हें बेहतर बोनस दिया जायेगा।
--------------------
पिछले साल बंटा था 193.34 करोड़ बोनस
टाटा स्टील ने वर्ष 2014 में 193.34 करोड़ रुपये का बोनस बांटा था। बोनस की अधिकतम राशि डेढ़ लाख रुपये से भी अधिक गई थी। यह बोनस कंपनी के 30269 कर्मचारियों के बीच बंटा था।