Move to Jagran APP

'मुझे आज भी याद हैं वे दो पल'

जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : मुझे आज भी वह दिन याद है जब पहली बार मुझे वर्ष 1978 के फरवरी माह में जेआ

By Edited By: Published: Tue, 28 Jul 2015 08:53 PM (IST)Updated: Tue, 28 Jul 2015 08:53 PM (IST)
'मुझे आज भी याद हैं वे दो पल'

जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : मुझे आज भी वह दिन याद है जब पहली बार मुझे वर्ष 1978 के फरवरी माह में जेआरडी टाटा के साथ समय गुजारने का मौका मिला। तब जमशेदपुर के आसमान पर पुष्पक एयरक्राफ्ट उड़ाने में सफलता हासिल करने के लिए मुझे जेआरडी टाटा ने अपने हाथों से अवार्ड दिया था। भारत रत्‍‌न जेआरडी टाटा की 111वीं जयंती पर मानगो के माधवबाग कॉलोनी में रहने वाले विमान चालक हरजीत सिंह कम्बोज दैनिक जागरण से जेआरडी टाटा के साथ बिताए अनमोल पलों की याद ताजा कर रहे थे। कम्बोज ने बताया कि उनके जीवन में दो ऐसे मौके आये जब उन्हें जेआरडी टाटा के साथ वक्त गुजारने का मौका मिला। वो पल उनके जीवन के अनमोल पलों में से हैं। टाटा संस की पहली हवाई सेवा करांची से बाम्बे के बीच शुरू होने के 50 साल पूरे होने पर वर्ष 1982 में सोनारी एयरपोर्ट पर आयोजित कार्यक्रम में जब जेआरडी टाटा ने हवाई उड़ान भरी थी तब वह उनके साथ साथी पायलट थे। पूरी उड़ान के दौरान वे काफी सौम्य तरीके से बातचीत करते रहे। उनका अंदाज काफी दोस्ताना था। उनका अंदाज हर किसी को आकर्षित करता था।

loksabha election banner

--------------------------

जेआरडी ने 1932 में की थी टाटा एयरलाइंस की शुरुआत

जेआरडी टाटा का पूरा नाम जहागीर रतनजी दादाभाई टाटा था। वे रतनजी दादाभाई टाटा और उनकी फ्रासीसी पत्‍‌नी सुजेन्न ब्रीरे की पाच संतानों में से दूसरे थे। वे दशकों तक टाटा ग्रुप के निदेशक रहे। 1932 में उन्होंने टाटा एयरलाइंस शुरू की। उन्होंने 1945 में टेल्को की शुरुआत की जो मूलत: इंजीनियरिंग और लोकोमोटिव के लिए थी। उन्हें वर्ष 1957 में पद्मविभूषण और 1992 में भारत रत्‍‌न से सम्मानित किया गया।

-------------------

पहला पायलट लाइसेंस हासिल करने वाले शख्स

10 फरवरी 1929 को टाटा ने भारत में जारी किया गया पहला पायलट लाइसेंस प्राप्त किया। 1932 में उन्होंने भारत की पहली वाणिज्यिक एयरलाइन, टाटा एयरलाइंस की स्थापना की जो बाद में वर्ष 1946 में भारत की राष्ट्रीय एयरलाइन एयर इंडिया बनी। उन्हें भारतीय नागर विमानन के पिता के रूप में जाना जाता है।

-------------------

29 नवंबर 1993 को हुआ निधन

1925 में वे अवैतनिक प्रशिक्षु के रूप में टाटा संस में शामिल हुए। वर्ष 1938 में उन्हें भारत के सबसे बड़े औद्योगिक समूह टाटा संस का अध्यक्ष चुना गया। गुर्दे में संक्रमण के कारण 29 नवंबर 1993 को उनका जेनेवा में 89 वर्ष की आयु में निधन हो गया।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.