जीव को विनम्र बनाती है भक्ति : अनुराग कृष्ण
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : भक्ति जीव को विनम्र बनाती है, जीव के अन्दर के ताप को समाप्त करती है। जिस
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : भक्ति जीव को विनम्र बनाती है, जीव के अन्दर के ताप को समाप्त करती है। जिस जीव पर ईश्वर की कृपा हो जाती है उसका प्रमाण यह मिलता है कि उस जीव पर सब कृपा करने लग जाते हैं। भगवान जब स्वयं भक्त के हो जाते हैं तो संसार भक्त के नाम को मंत्र के रूप में जपने लगता है। भगवान की कृपा से पूर्ण भक्त संसार में जीव के कल्याण और ईश्वर-नाम के संकीर्तन के प्रवाह को और तीव्र करने के लिए आते हैं। भक्त कभी भी राग, द्वेष और वैमनस्य नहीं करते। उपरोक्त बातें सोमवार को जड़भरत चरित्र, भक्त प्रह्लाद और नरसिंह अवतार प्रसंग पर बोलते हुए वृंदावन से आए कथावाचक भागवतकिंकर अनुराग कृष्ण शास्त्री ने कही। साकची स्थित धालभूम क्लब मैदान में विगत तीन दिन से चल रही श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान यज्ञ का सोमवार को चौथा दिन था। पहली बार झारखंड आये 34 वर्षीय कथावाचक अनुराग कृष्ण ने भक्ति के विभिन्न स्वरूपों की व्याख्या की और भक्त के भी स्वाभाव को बताया। उन्होंने बताया कि भक्त को संकीर्तन के कारण केवल भक्ति की माला नहीं मिलती बल्कि सासारिक और आध्यात्मिक माल की माला भी संयुक्त रूप से मिलती है।
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आज होगा श्रीकृष्ण का जन्म
कथा के प्रसंग में मंगलवार को श्रीकृष्ण प्राकट्य उत्सव मनाया जाएगा। साथ ही श्रीराम अवतार पर भी चर्चा होगी।
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कल गोशाला जाएंगे अनुराग कृष्ण
कथावाचक भागवतकिंकर अनुरागकृष्ण शास्त्री बुधवार को श्रीकृष्ण बाललीला प्रसंग पर प्रवचन देने से पूर्व पूर्वाह्न 11 बजे जुगसलाई स्थित श्रीटाटानगर गोशाला जाएंगे। श्री शास्त्री वहां भारत माता के मंदिर की परिक्रमा करेंगे।
ये थे उपस्थित: ओम प्रकाश रिंगसिया, राजू सरायवाला, सावरमल अग्रवाल, रामभगवान राय, गीगराज अग्रवाल, पंडित गोविंदराम शर्मा, सुरेश लोधा, सुरेश अग्रवाल, अशोक अग्रवाल, अधिवक्ता संतोष शर्मा, संतोष चौधरी सहित बड़ी संख्या में भक्त उपस्थित थे।