कान्वाई चालकों को नहीं मिलती न्यूनतम मजदूरी
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : झारखंड सरकार ने कान्वाई चालकों के लिए प्रति आठ घंटे पर 201.77 रुपये का
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर :
झारखंड सरकार ने कान्वाई चालकों के लिए प्रति आठ घंटे पर 201.77 रुपये का प्रावधान रखा है, जबकि कान्वाई चालकों को एक दिन यानी 24 घंटे के लिए 204 रुपये दिए जाते हैं। इस बात की जानकारी जब एसडीओ प्रेमरंजन को मिली, तो वे भी अवाक रह गए। कान्वाई चालकों की इन्हीं समस्याओं को सुलझाने के लिए शुक्रवार को अनुमंडल कार्यालय में बैठक हुई, जिसमें उपश्रमायुक्त (डीएलसी) श्यामसुंदर पाठक भी उपस्थित थे। यही नहीं, चालकों को टेल्को ट्रांसपोर्ट कान्वाई एसोसिएशन (टीटीसीए) की ओर से जो बुकिंग स्लिप दी जाती है, उसमें किसी कंपनी या संस्था का नाम नहीं होता है। चालकों को रास्ते में खाने-पीने या ठहरने के लिए भी राशि नहीं दी जाती। वापसी के लिए उन्हें नजदीकी रेलवे स्टेशन से जेनरल टिकट का भुगतान किया जाता है, आरक्षण का नहीं। चालकों ने बताया कि श्रम कानूनों का उल्लंघन यहीं नहीं थमता, लंबी दूरी पर जाने के बावजूद दो चालक व एक खलासी की बजाय एक ही चालक को निर्धारित समय में गंतव्य तक पहुंचने को बाध्य किया जाता है। अंत में एसडीओ ने कहा कि इन सभी मुद्दों पर छह मई को दोबारा बैठक होगी, जिसमें टाटा मोटर्स प्रबंधन से जवाब मांगा गया है कि कंपनी एक चेसिस या कान्वाई को गंतव्य तक ले जाने के लिए किस हिसाब से खर्च देती है। आज की बैठक में टीटीसीए के निदेशक महेश शरण, ऑल इंडिया कान्वाई वर्कर्स यूनियन के ज्ञानसागर प्रसाद, दिनेश पांडेय व अमरनाथ चौबे व कान्वाई ट्रांसपोर्टर यूनियन के अध्यक्ष नेहालुद्दीन खान के अलावा झामुमो से जिलाध्यक्ष रामदास सोरेन, पूर्व सांसद सुमन महतो, राजू गिरि, सुनील महतो, रोड़ेया सोरेन, शंकरचंद्र हेम्ब्रम, बाबर खान आदि उपस्थित थे।
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टोल टैक्स नहीं देते चालक
ऑल इंडिया कान्वाई वर्कर्स यूनियन के ज्ञानसागर प्रसाद ने बताया कि टाटा मोटर्स के कान्वाई चालक टोल टैक्स नहीं देते हैं। प्रसाद ने बताया कि कंपनी भी उन्हें इसके लिए पैसा नहीं देती है, लिहाजा चालक दूसरे (चोर) रास्तों से जाते हैं, ताकि टोल टैक्स नहीं देना पड़े। अनुभवी चालकों को मुंबई, पुणे, चेन्नई, बेंगलुरू, चंडीगढ़ समेत देश भर के तमाम हाइवे का चोर रास्ता मालूम है।