परसुडीह बाजार में बंधक बना रहा युवक
जमशेदपुर : गुरुवार को परसुडीह हाट-बाजार में घूम रहे कैरेज कॉलोनी निवासी छोटू नामक युवक को दुकानदारों
जमशेदपुर : गुरुवार को परसुडीह हाट-बाजार में घूम रहे कैरेज कॉलोनी निवासी छोटू नामक युवक को दुकानदारों ने बाजार में ही करीब दो घंटे तक बंधक बनाकर रखा। घटना शाम पांच बजे ही है। इस बीच परसुडीह पुलिस से लेकर डीएसपी तक को दुकानदारों ने फोन पर सूचना दी, लेकिन पुलिस घंटे से भी ज्यादा विलंब से घटना स्थल पर पहुंची। इस दौरान दुकानदार पुलिस की इस लापरवाही पर पुलिस को कोसते रहे।
मालूम हो कि बीते शुक्रवार को परसुडीह हाट-बाजार में सब्जी खरीदकर अपने घर लौट रहे परसुडीह कालंदी बस्ती निवासी शंकर कालंदी (45) की छोटू ने पिटाई कर दी थी। इलाज के क्रम में शंकर की मौत हो गई थी। उसके बाद से दुकानदार उसकी खोज में जुट थे। जब छोटू पिटाई कर भाग रहा था तो कई दुकानदारों ने उसे पहचान लिया था। छोटू के परिजनों का कहना है कि वह पागल हो चुका है। वह पिछले कई दिनों से घर नही आ रहा है। इधर दुकानदारों का कहना है कि छोटू की दिमागी हालत ठीक नही होने से बाजार में आने वाले लोगों को डर बना हुआ था। वह कभी भी किसी पर भी हमला कर सकता था।
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फूड प्लाजा पर लगाया बीस हजार रुपये का जुमार्ना
-जन आहार केन्द्र में रखी 400 डटली को किया नस्ट
-स्टील व गितांजलि एक्सप्रेस के किचन में भी की छापामारी
जमशेदपुर : बुधवार को हावड़ा-टाटा स्टील एक्सप्रेस में टाटानगर स्टेशन के दौरे पर पहुंचे दक्षिण पूर्व रेलवे के डिप्टी सीसीएम (केटरिंग) राजू शर्मा आक्रामक रूप में दिखे। सफर के ही दौरान स्टील एक्सप्रेस के खान-पान व्यवस्था की जांच की। टाटानगर स्टेशन पहुंचने के बाद गुरुवार को स्टेशन के एक नंबर प्लेटफार्म स्थित कृष्णा रेस्टोरेंट नामक फूट-प्लाजा के खान-पान की जांच में घटिया सामग्री मिलने पर वे भड़क उठे। रेस्टोरेंट के संचालक पर उन्होंने बीच हजार रुपये का जुर्माना लगाते हुए घटिया सामग्री नही बेचने की चेतावनी भी दी। यहां से वे स्टेशन के दूसरे तले पर चल रहे जन आहार केन्द्र में रखे खान-पान की जांच की। जहां पाया कि बने हुए कई सामान खराब होने के बावजूद यात्रियों को बेचे जा रहेा हैं। मौके पर ही उन्होंने करीब 400 पीस रखी घटिया इटली समेत अन्य खाद्य सामग्री को नष्ट कर दिया। गार्डेनरीच लौटने के क्रम में डिप्टी सीसीएम ने गितांजलि एक्सप्रेस के खान-पान व्यवस्था की भी जांच की। यहां भी उन्हें ऐसी कई सामग्री मिली जो घटिया थी। इस संबंध में जब टाटानगर के अधिकारियों से पूछा गया तो कोई भी अधिकारी कुछ भी बोलने को तैयार नही था। अधिकारियों का कहना है कि उन्हें इस संबंध में कोई जानकारी नही है।