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खगाली गई स्वच्छता मिशन घोटाले की फाइलें

जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : जिला जल एवं स्वच्छता मिशन में 68 लाख 59 हजार 500 रुपये के घोटाले के मामल

By Edited By: Published: Fri, 24 Oct 2014 01:00 AM (IST)Updated: Fri, 24 Oct 2014 01:00 AM (IST)
खगाली गई स्वच्छता मिशन घोटाले की फाइलें

जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : जिला जल एवं स्वच्छता मिशन में 68 लाख 59 हजार 500 रुपये के घोटाले के मामले में बुधवार को संबंधित दस्तावेज और रोकड़ बही खंगाली गई। घोटाले के मामले में जमानत पर रिहा कर्मी काशीनाथ उर्फ चंदन दफ्तर आए और पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के कार्यपालक अभियंता सुरेश प्रसाद को आलमारी की चाबी सौंपी।

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कौन सी फाइलें मिलीं, रोकड़ बही मिल गई या नहीं, यह साफ नहीं हो पाया है। इस बारे में पेयजल एवं स्वच्छता विभाग का कोई अधिकारी बोलने के लिए तैयार नहीं है। यही नहीं कार्यपालक अभियंता ने विभाग के अफसरों के साथ एक समीक्षा बैठक भी की। इस समीक्षा बैठक में काशीनाथ उर्फ चंदन बैठा रहा।

गौरतलब है कि जिले में चलने वाले संपूर्ण स्वच्छता अभियान (टीएससी) के खाते (450710200100002) से फर्जी कार्यपालक अभियंता राजेश कुमार के नाम से दस्तखत कर फर्जी निकासी की गई। आरोप है कि यहा काम पूर्व डाटा इंट्री ऑपरेटर सह जिला समन्वयक काशीनाथ सिंह उर्फ चंदन ने किया। 68 लाख 59 हजार 500 रुपये की फर्जी निकासी हुई है। इस मामले में बिष्टुपुर थाने में उसके खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई गई है जिसमें पुलिस जांच कर रही है। काशीनाथ को हाईकोर्ट से जमानत मिल गई है।

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वर्तमान ईई भी सवालों के घेरे में

जिला स्वच्छता मिशन में हुए घोटाले के मामले में पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के कार्यपालक अभियंता सुरेश प्रसाद भी सवालों के घेरे में आ गए हैं। अधीक्षण अभियंता ने उन्हें शो-काज कर दिया है। उनसे पूछा गया है कि नमूना हस्ताक्षर किसने अभिप्रमाणित किए। इसे उपायुक्त से क्यों नहीं अभिप्रमाणित करवाया गया। यही नहीं, बिष्टुपुर थाने में दर्ज एफआइआर में आठ लाख रुपये के गबन का आरोप लगाया गया जबकि रकम इससे ज्यादा है। बाद में बड़ी रकम की जानकारी मामले के आइओ को क्यों नहीं दी गई। साथ ही उनसे मुकदमे की स्थिति के बारे में पूछा गया है।

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पूर्व ईई पर लटक रही तलवार

मामले में पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के पूर्व कार्यपालक अभियंता पर भी कार्रवाई की तलवार लटक रही है। अलबत्ता, घोटाले के वक्त पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के कार्यपालक अभियंता रहे रघुनंदन शर्मा ने स्पष्टीकरण के जवाब में डीसी को लिखे पत्र में खुद को बेकसूर बताया है।

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हाईकोर्ट के एक मामले के लिए कुछ फाइलों की जरूरत थी। इसीलिए काशीनाथ को बुलाया गया था क्योंकि कुछ आलमारी की चाबी उसी के पास थी। उसे बुलाकर चाबी ली गई है। इसके अलावा अफसरों के साथ समीक्षा बैठक हुई है।

-सुरेश प्रसाद, कार्यपालक अभियंता, पेयजल एवं स्वच्छता विभाग


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