छठ व्रतियों के लिए खरतरनाक हैं ये 'मौत के कुंए'
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : छठ के मौके पर स्वर्णरेखा नदी पर मानगो की तरफ हजारों की संख्या में जमा हो
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : छठ के मौके पर स्वर्णरेखा नदी पर मानगो की तरफ हजारों की संख्या में जमा होकर भगवान भास्कर को अर्घ देने वाले छठ व्रतियों पर खतरा मंडरा रहा है। इस इलाके में मौजूद तीन स्लुइस गेट उनके लिए मौत के कुंए सरीखे हैं। इन्हें मौत का कुंआ बनाया है स्वर्णरेखा नहर प्रमंडल ने। अगर, प्रशासन ने जरा भी लापरवाही बरती तो यहां भी पटना के गांधी मैदान सरीखा कोई बड़ा हादसा हो सकता है।
इन स्लुइस गेटों के आरसीसी एप्रोच स्लैब के किनारे रेलिंग नहीं है। इसके चलते लोग अफरा-तफरी और भीड़ ज्यादा होने पर इधर से नदी में गिर सकते हैं। यही नहीं, एप्रोच स्लैब और स्लुस गेट के ऑपरेशन प्लेटफार्म के करीब काफी चौड़ी खाली जगह है। इस खाली जगह में नदी की तरफ 35 गहरी खाई है। छठ व्रती इन स्लुस गेटों के आसपास एकत्र होकर सूर्य भगवान हो अर्घ देते हैं। इस खाई से भी लोगों के सामने गिरने का खतरा है।
इस खतरे को मनगो अक्षेस ने भांप लिया है। मानगो अक्षेस के विशेष अधिकारी जेपी यादव ने इन स्लुस गेटों का मुआयना किया तो पाया कि इनकी मरम्मत की जरूरत है। इस पर उन्होंने इनकी मरम्मत कर ठीक करने के लिए स्वर्णरेखा नहर प्रमंडल को पत्र लिखा है। मानगो अक्षेस ने इस खतरे से जिला प्रशासन को भी आगाह कर दिया है।
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खाली जगह को स्लैब से ढका जाए
अक्षेस ने स्वर्णरेखा नहर प्रमंडल से मांग की है कि इस स्लुइस गेट में एप्रोच स्लैब के दोनों तरफ रेलिंग बनाई जाए। यही नहीं एप्रोच स्लैब और ऑपरेशन प्लेटफार्म के पास खाली जगह को स्लैब या स्टील की शीट रख कर ढका जाए ताकि छठ व्रतियों को कोई दिक्कत नहीं हो।
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28 से पहले हो जाए मरम्मत
इस बार छठ 28 अक्टूबर की शाम और 29 अक्टूबर की सुबह मनाया जाएगा। अक्षेस ने लिखा है कि स्वर्णरेखा नहर प्रमंडल यह काम 28 अक्टूबर से पहले कर दे। अक्षेस ने स्लुस गेट की मरम्मत के लिए नहर प्रमंडल को पहले भी पत्र लिखा था लेकिन नहर प्रमंडल ने इसका संज्ञान नहीं लिया।
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यहां हैं खतरनाक स्लुइस गेट
----श्यामनगर के पास स्वर्णरेखा के किनारे मून सिटी नाला पर बना स्लुइस गेट
----शांति नगर के पास स्वर्णरेखा के किनारे पारस नगर नाला पर बना स्लुइस गेट
----चाणक्यपुरी के पास स्वर्णरेखा पर दाईगुट्टू नाला पर बना स्लुइस गेट
---स्वर्णरेखा के किनारे कपाली नाला पर बना स्लुइस गेट