नई पीढ़ी को टारगेट कर बन रहीं फिल्में : मणिशंकर
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : अस्सी के दशक तक बॉलीवुड में जो फिल्में बनती थीं, उसके हर पहलू में गहरा
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर :
अस्सी के दशक तक बॉलीवुड में जो फिल्में बनती थीं, उसके हर पहलू में गहराई और गंभीरता दिखती थी। आज ना तो सुपर हिट फिल्म लोगों को याद रहती है, ना सुपरहिट गाने। इसकी मुख्य वजह है नई पीढ़ी। इंग्लिश मीडियम से पढ़कर निकले युवाओं को टारगेट करके फिल्में बन रही हैं, जो हॉलीवुड की नकल जैसी होती हैं। चूंकि नई पीढ़ी को गूढ़ हिंदी समझने में परेशानी होती है, इसलिए गानों के बोल भी हिंगलिश हो गए हैं। यदि पढ़कर कोई ना समझाए तो गानों के बोल भी समझ में नहीं आते। हालांकि आज भी वही गाने हिट होते हैं जिसके शब्द अच्छे हों और संगीत की धुन व कंपोजिशन बढि़या हो।
ये बातें शहर में जन्मे व पले-बढ़े मणिशंकर ने कहीं। बॉलीवुड में लंबे समय से संघर्षरत संगीत निर्देशक मणिशंकर ने वैसे तो आशुतोष राणा अभिनीत 'शबनम मौसी' व 'मिस अनारा' में भी संगीत दिया था, लेकिन अब उनकी दो फिल्म आने वाली है। इनमें से एक 'ऑशम-मौसम' है जिसमें नए कलाकारों के साथ आशुतोष राणा, विजय राज (कौवा बिरयानी फेम) व मुकेश तिवारी ने अभिनय किया है। इनके गानों को सोनू निगम व लुटेरे फेम सोनाली ठाकुर ने आवाज दी है। दूसरी फिल्म 'सबक' है जिसमें मुख्य भूमिका विनय पाठक ने निभाई है, जबकि सुखविंदर सिंह, केके व सोनाली ठाकुर ने इसके गाने गाए हैं।
साकची के तिरना रोड स्थित आवास पर मणिशंकर ने बताया कि इसके अलावा उन्होंने तीन भोजपुरी फिल्म 'शादी-ब्याह', 'निहत्था' और 'सावन की कजरी' में संगीत निर्देशन किया है, जबकि महुआ चैनल पर प्रसारित निर्देशक अश्रि्वनी धीर के धारावाहिक 'मिस्टर जुगाड़ू लाल' के पूरे 84 एपिसोड में भी संगीत दिया था।