दिल्ली, मुंबई व चेन्नई के प्रोफेसर एमजीएम में देंगे सेवा
संवाद सहयोगी, जमशेदपुर : बढ़ी सीटों पर दाखिले की अनुमति मिलने के बाद महात्मा गांधी मेमोरियल (एमजीएम) मेडिकल कॉलेज सभी मानकों को बहुत जल्द पूरा कर लेने की तैयारी में है।
एमजीएम कॉलेज में अब दिल्ली, चेन्नई सहित शहर के अलग-अलग राज्यों से चिकित्सक सेवा देंगे। कॉलेज प्रबंधन की ओर से इसकी सूची तैयार की जा रही है। कॉलेज में प्रोफेसरों की कमी को दूर करने के लिए यह निर्णय लिया गया है। इसमें रिटायर्ड हुए प्रोफेसरों से करार किया जाएगा। एमजीएम कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ एएन मिश्रा ने बताया कि असिस्टेंट प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर और प्रोफेसर के पदों पर वर्षो से प्रोन्नति के जरिए इन पदों को भरा जाएगा। यह प्रकिया बिहार मेडिकल कॉलेज में अपनायी जा रही है। इसके तहत देशभर के किसी भी राज्य से रिटायर्ड प्रोफेसरों की सेवाएं ली जा सकती है। वहीं कॉलेज में ट्यूटर और सीनियर रेजिडेंट की कमी को दूर करने की तैयारी भी की जा रही है। इसके लिए ब्लॉक स्तर पर नियुक्त एमडी, एमएस की डिग्री रखने वाले चिकित्सकों को बुलाया जाएगा। वहीं एक प्रस्ताव तैयार कर सरकार के समक्ष रखा जाएगा। दरअसल होई कोर्ट के आदेश के बाद एमजीएम कॉलेज में बढ़ी हुई सीट पर दाखिला की अनुमति तो मिल गई, लेकिन एक चुनौती जरूरी मानकों को पूरा करने की है। कोर्ट की ओर से दिए गए आदेश के अनुसार अगले दस माह के अंदर मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (एमसीआई) के अनुरूप तैयार करना है। इसे लेकर कॉलेज प्रबंधन ने सभी विभागाध्यक्षों के साथ मीटिंग कर समस्या का समाधान ढूंढने में जुटा हुआ है। इसमें आधारभूत संरचना, प्रोफेसर की बहाली, संसाधनों की पूर्ति सहित अन्य जरूरी समाग्री उपलब्ध कराना है। एमसीआई ने एमजीएम कॉलेज व अस्पताल में निरीक्षण के दौरान कई खामियां पाई थी। इसमें चिकित्सक से लेकर स्वीपर तक शामिल है। रिपोर्ट के अनुसार कॉलेज में 45.5 फीसद फैकल्टी व 75.2 फीसद रेजिडेंट्स की कमी है। इतना ही नहीं, ऑपरेशन थियेटर में वर्षो पुराने उपकरणों का इस्तेमाल, वार्डो में ड्रेसिंग रूप नहीं होना, प्रसूति विभाग काफी छोटा होना सहित अन्य खामियां को भी दूर करना होगा। इसके लिए मात्र दस माह का समय मिला है।
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कब क्या हुआ
22 मई को एमसीआई की टीम ने एमजीएम मेडिकल कॉलेज व अस्पताल का निरीक्षण किया था। इसके बाद एमसीआई ने रिपोर्ट तैयार कर सरकार के समक्ष रखी। जिसमें प्रोफेसर की कमी से लेकर स्वीपर की कमी तक बताया गया है। जिसके अधार पर कॉलेज में एमबीबीएस की सीट को 100 से घटाकर 50 करने का आदेश दिया गया था।
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'हाईकोर्ट के निदेश के बाद अस्पताल की खामियां दूर करने के लिए पूरी कोशिश की जा रही है। दस माह के अंदर एमसीआई के मानक के अनुरूप कॉलेज को तैयार कर दिया जाएगा। कॉलेज प्रबंधन लगातार मीटिंग कर समाधान निकालने में जुटा हुआ है।'
- डॉ. एएन मिश्रा, प्रिंसिपल, एमजीएम कॉलेज
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