सत्तापक्ष पद का भय दिखाकर कर रहा वसूली
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर:
धनउगाही के मुद्दे पर टाटा वर्कर्स यूनियन की राजनीति गरमा गई है। यूनियन के सहायक सचिव आरके सिंह के खुलासे के बाद विपक्ष ने सत्तापक्ष पर जोरदार पलटवार किया है। आरके सिंह से सवाल पूछा है कि पहले उन्हें यह बताना चाहिए कि कोर्ट केस पर खर्च की जा रही मोटी रकम कहां से आ रही है? सिंह के आरोप से आहत विपक्ष खेमे के कमेटी मेंबरों की बुधवार को साकची में बैठक हुई। इसमें दावा किया गया कि विपक्ष पर आरोप लगाने वाले सत्तापक्ष के लोग ही हकीकत में पद का भय दिखाकर कर्मचारियों से धनउगाही कर रहे हैं। कमेटी मेंबर अश्रि्वनी माथन, दर्शन सिंह बावरा, रविशंकर पांडेय, मनोहर मुखिया व अब्दुल कादिर ने दावा किया कि उनके पास वैसे कर्मचारियों की सूची है, जिन्हें पद का भय दिखाकर सत्तापक्ष के लोगों ने वसूली की है। दावा किया गया कि सहायक सचिव आरके सिंह वेज रिवीजन जैसे अहम मुद्दे से ध्यान भटकाने के लिए अनर्गल बयानबाजी कर रहे हैं। कमेटी मेंबर जानते हैं कि टीडब्ल्यूयू में ऑफिस बियरर के ग्यारह पद हैं। उनका चुनाव कमेटी मेंबर करते हैं। लिहाजा कोई भी व्यक्ति अथवा गुट चाहकर भी बिना बहुमत के किसी को ऑफिस बियरर नहीं बना सकता। वास्तव में यह लड़ाई सभी कर्मचारी एवं कमेटी मेंबर स्वेच्छा से साथ मिलकर लड़ रहे हैं। वर्तमान नेतृत्व संविधान संशोधन के जरिए यूनियन के सदस्यों एवं कमेटी मेंबरों के अधिकारों का हनन करना चाहता है। इसी लिए दो साल की समयावधि पूरी होने के बावजूद वह चुनाव नहीं करा रहे। इस लोकतांत्रिक प्रक्रिया को कायम रखने के लिए लड़ी जा रही लड़ाई को आरके सिंह जैसे लोग कमजोर करने की कोशिश कर रहे हैं।